योगी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में 20 प्रस्तावों को हरी झंडी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 20 फैसलों को मंजूरी दी गयी है। इस क्रम में अब तकनीकी और साफ्टवेयर के जरिए शराब के निर्माण से लेकर उसकी बिक्री पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए हर बोतल का एक बार कोड होगा। इसी कोड से हर स्तर पर उसके मूवमेंट की निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा के विभिन्न निदेशालयों में बेहतर तालमेल और अलग-अलग निदेशालयों की ओर से जारी कार्यक्रमों में तेजी से क्रियान्वयन के लिए कैबिनेट ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) के पद के सृजन को मंजूरी दी है।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा व मंत्री सुरेश राणा ने कैबिनेट में पारित किए गए फैसलों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने बताया कि तकनीकी का इस्तेमाल कर राज्य सरकार नकली और तस्करी वाली शराब को रोकने का काम करेगी। प्रमुख सचिव आबकारी संजय भूसरेड़डी ने बताया कि गन्ना मिल से जब शीरा शराब कम्पनी के लिए रवाना होगा तो वहीं से इसकी निगरानी शुरू कर दी जाएगी, इसके लिए इसे जीपीएस सिस्टम से जो़ड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि जब ग्राहक दुकानदार से शराब खरीदेगा तो उस स्तर तक इसकी निगरानी की जाएगी कि कहीं नकली या स्मुगल शराब की बिक्री तो नहीं की जा रही है। कैबिनेट ने गोरखपुर के पिपराइच और बस्ती के मुंडेरवा चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने की भी मंजूरी दी है। मुंडेरवा में सलफर मुक्त चीनी बनेगी और पिपराइच में गन्ने के रस से सीधे एथनॉल बनाया जाएगा। ऐसा करने वाली यह उत्तर भारत की पहली मिल होगी।
अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा के अधीन होंगे बेसिक शिक्षा के पांच निदेशालय
बेसिक शिक्षा के विभिन्न निदेशालयों में बेहतर तालमेल और अलग-अलग निदेशालयों की ओर से जारी कार्यक्रमों में तेजी से क्रियान्वयन के लिए कैबिनेट ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) के पद के सृजन को मंजूरी दी है। अब शिक्षा निदेशक (बेसिक), निदेशक साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं, राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान, निदेशक मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एवं परीक्षा नियामक डीजीएसई के अधीन होंगे। इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के विशेष सचिव स्तकर के अधिकारी की तैनाती होगी। सभी निदेशालयों पर डीजीएसई का प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण होगा। सभी निदेशालयों के कार्यों की समीक्षा, इनके लिए नीति निर्माण का काम भी डीजीएसई के ही अधीन होगा।
अब एक बार ही कराना होगा दुकान का पंजीकरण
इज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्रम में कैबिनेट ने फैसला लिया है कि अब दुकान और वाणिज्य प्रतिष्ठानों का एक ही बार दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना होगा। इससे पारदर्शिता आएगी। दुकानदारों को बार-बार पंजीकरण नहीं कराना होगा। शर्त यह है कि पंजीकृत दुकानदारों को श्रम कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होंगे अयोध्या और गोरखपुर समेत सात शहर
अयोध्या, गोरखपुर, मेरठ, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन और शाहजहांपुर भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होंगे। इस क्रम में इन सभी नगर निगमों की बुनियादी सुविधाएं (सड़क, बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा और परिवहन आदि) बेहतर होंगी। सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए बजट में 175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मालूम हो कि प्रदेश में कुल 17 नगर निगम हैं। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद पहले से ही स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित हैं। इनके विकास में केंद्र और राज्य का योगदान 50-50 फीसदी का है। इस तरह अब सभी नगर निगम स्मार्ट सिटी के रूप में तब्दील हो जाएंगे।
इस साल खादी पर मिलेगी 25 फीसदी की छूट
खादी के कपड़ों पर इस साल दो अक्टूबर से 31 मार्च 2020 तक 20 फीसदी के साथ पांच फीसदी की अतिरिक्त छूट का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया है। इस तरह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खादी के कपड़ों पर कुल छूट 25 फीसदी की होगी। छूट से बढ़ी बिक्री का लाभ बुनकरों, कतनों, धुनकर और रंगरेजों को मिलेगा। इनकी आय बढ़ने के साथ अतिरिक्त रोजगार भी मिलेगा।
जौनपुर मेडिकल कालेज के संचालन के लिए स्वशासी सोसायटी गठित
कैबिनेट ने जौनपुर मेडिकल कालेज के संचालन के लिए स्वशासी सोसायटी गठित करने का भी निर्णय लिया है। इससे कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के चयन में तेजी आएगी। मालूम हो कि अब तक इनके चयन की प्रक्रिया लोकसेवा आयोग से होता रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो साल का लग जाता है। इससे पठन-पाठन प्रभावित होता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में स्थापित मेडिकल कॉलेजों में चयन की प्रक्रिया इन कॉलेजों के लिए गठित स्वाशासी सोसाइटी से सफलता पूर्वक कर चुकी है। यही प्रक्रिया अब जौनपुर मेडिकल कॉलेज के लिए भी अपनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि जौनपुर मेडिकल कॉलेज के लिए प्राचार्य समेत 57 पदों पर चयन की मंजूरी मिल चुकी है। बाकी के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
1760 रुपये की दर से सरकार खरीदेगी मक्का
सरकार खरीफ के मौजूदा सीजन में 1760 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदेगी। खरीद में 22 जिले (अलीगढ़, फिरोजाबाद, कन्नौज, एटा, मैनपुरी, कासगंज, बदायूं, बहराइच, फर्रुखाबाद, इटावा, हरदोई, कानपुर नगर, कानपुर देहात, जौनपुर, उन्नाव, गोंडा, बलिया, बुलंदशहर, ललितपुर, श्रावस्ती, हापुड़ एवं देवरिया) शामिल हैं। किसानों को उतराई, छनाई के मद में प्रति क्विंटल 20 रुपये अतिरिक्त दिये जाएंगे। खरीद के बाद 72 घंटे के भीतर संबंधित किसान के खाते में सीधे भुगतान किया जाएगा। पंजीकृत किसानों से ही खरीद होगी।
उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई (इटावा) के चिकित्सा शिक्षकों, रेजीडेंटस और अन्य कर्मचारियों को भी एसजीपीजीआई लखनऊ के समतुल्य कर्मचारियों की तरह ही भत्ता देय होंगे। इस पर हर साल सरकार को 1514.40 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसके अलावा सरकार ने उप्र विकलांग कल्याण विभाग राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली में भी संशोधन किया है। इससे कुछ नये पदों का सृजन हो सकेगा। कैबिनेट ने मृतक आश्रित की श्रेणी में तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल करने का फैसला लिया है। लंबे समय से यह मांग चली आ रही थी। शर्त यह है कि संबंधित सरकारी सेवक की मृत्यु के पहले सक्षम कोर्ट से तलाक हो चुका हो। इसके लिए कैबिनेट ने उप्र सेवाकाल सरकारी सेवकों की नियमावली में संशोधन की मंजूरी दी है। इसी क्रम में कैबिनेट ने जौनपुर के बदलापुर में प्रस्तावित बस स्टेशन के लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद बस स्टेशन के निर्माण कार्य में तेजी आएगी। कैबिनेट ने नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए चयनित सलाहकार प्राइस वॉटर कूपर्स द्वारा तैयार बिड डाक्यूएमेंट में संशोधन की मंजूरी दी है। परियोजना के लिए समय-समय पर लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया है। इसका पहला रनवे 2023 तक चालू हो जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की याद में बलरामपुर में केजीएमयू का सैटेलाइट सेंटर खुलेगा। 55 एकड़ जमीन में बनने वाले इस सेंटर के निर्माण में 55 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सभी सुविधाओं से संपन्न यह केंद्र 300 बिस्तरों की क्षमता वाला होगा। इसके साथ ही हाइकोर्ट के रिटायर जज के परिवार वाले अब कहीं भी किसी भी सरकारी या निजी चिकित्सालय में इलाज करा सकेंगे। निजी इलाज पर आने वाला खर्च सरकार वहन करेगी।