राष्ट्रपति से मिले आईएएस-2017 बैच के अधिकारी
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को सरकार और जनता के बीच की खाई को पाटने के लिए जन केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सुशासन को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए। आईएएस-2017 बैच के 169 अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में कोविंद से मुलाकात की। ये सभी अधिकारी वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के तौर पर सम्बद्ध हैं।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों के साथ और हितधारकों के साथ संचार के प्रभावी चैनल विकसित करने होंगे। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए उन्हें सर्वोत्तम नतीजे प्रदान करने वाले दृष्टिकोण तलाशने होंगे। उन्हें आवश्यक रूप से टीम भावना पर जोर देना होगा और सभी को साथ लेकर चलना होगा तथा प्रत्येक व्यक्ति के योगदान की पहचान करनी होगी। कोविंद ने कहा कि उन्हें नेतृत्व की भूमिका में आना होगा और रोल मॉडल बनना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रमों में, विशेषकर मानसिकता और दृष्टिकोणों से संबंधित मामलों में लोगों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रशासन अब “हम” और “वे” नहीं रह गया है बल्कि केवल “हम” और “हम सभी मिलकर” बन चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच के फासले को हर हाल में मिटना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का दृष्टिकोण लोगों के प्रति संवेदनशील और लोगों पर केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी जनता के लिए जीवन की सुगमता को व्यापक बनाने के लिए कर्तव्यबद्ध है। कोविंद ने कहा कि आईएएस अधिकारी कार्यान्वयन के क्रम में सबसे अग्रणी है। उन्होंने कहा कि भारत को पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, सामाजिक न्याय और देश की प्रगति में महिलाओं को समान हितधारक बनाना है तो उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने हमें जीवन में इतना आगे ले जाने के लिए गंभीरतापूर्वक कड़ा परिश्रम किया है। भारत की जनता को सेवाएं प्रदान करने के लिए उन्हें उसी उत्साह और समर्पण के साथ कार्य करना जारी रखना होगा।