दुष्कर्म के आरोपी चिन्मयानंद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज से बहिष्कृत कर दिया है। हालांकि हरिद्वार में दस अक्तूबर को होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस पर मुहर लगेगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत समाज का माथा ऊंचा कर रखा है, वहीं स्वामी चिन्मयानंद ने अपने कृत्य से संत समाज को अपमानित किया है।
चिन्मयानंद का उक्त कृत्य निंदनीय ही नहीं अक्षम्य भी है। हालांकि वह संत परंपरा से आते हैं, लेकिन उनके कृत्य के बाद उन्हें संत कहने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है। यह कृत्य संत समाज की प्रतिष्ठा, उसकी छवि और मर्यादा को धूमिल करता है। संत समाज इस घटना से आहत है। इसी क्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद केउपाध्यक्ष और निर्मल पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री बोले, यह निंदनीय है, ऐसे ही बाबाओं से संत समाज अपमानित हो रहा है, उसकी छवि खराब हो रही है।