अधिकतर सदस्यों ने कश्मीर पर समर्थन से किया इनकार
जेनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की एक बार फिर फजीहत हुई है। कश्मीर पर वह प्रस्ताव लाने वाला था, लेकिन आवश्यक 16 सदस्यों का समर्थन जुटाने में विफल रहा। अधिकतर सदस्यों ने कश्मीर पर उसका समर्थन करने से इनकार कर दिया। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र मरनवाणिकार परिषद का 42 वां चल रहा है और पाकिस्तान वहां एक बार फिर कश्मीर का रोना रोना चाहता था। जेनेवा के लिए रवाना होने से पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उन्हें मुस्लिम देशों पर भरोसा है, लेकिन मुस्लिम देशों ने भी उसका साथ नहीं दिया। भारत ने इस्लामिक देशों को समझा दिया था कि कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में हैऔर प्रतिबंध भी जल्द हटा लिए जाएंगे।
पाकिस्तान ने इससे पहले 10 सितंबर को कश्मीर की स्थिति पर एक संयुक्त बयान सौंपा था जिसमें उसने 60 देशों के समर्थन की बात कही थी, लेकिन समर्थक देशों के नाम का उल्लेख नहीं किया था। दरअसल पाकिस्तान के पास तीन विकल्प थे- प्रस्ताव, बहस या विशेष सत्र। प्रस्ताव वाला विकल्प वह समर्थन के आभाव में इस्तेमाल नही कर पाया। बहस के लिए 24 सदस्य देशों के समर्थन की जरूरत होती है जो उसके लिए मुश्किल लग रहा है। जहां तक विशेष सत्र की बात है तो 27 सितम्बर तक मानवाधिकार परिषद के सामान्य सत्र चलेंगे। इस दौरान विशेष बुलाने की गुंजाइश नहीं है। इसके अलावा इन दोनों विकल्पों के लिए मसला को अतिआवश्यक होना चाहिए। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान प्रस्ताव के अलावा अन्य विकल्प का भी लाभ नहीं उठा पाएगा।