रायपुर : राजधानी के प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए अंतागढ़ टेप कांड और खरीद फरोख्त के मामले में अंतागढ़ टेप कांड में बड़ा खुलासा करते हुए मंतूराम ने कहा कि दूसरे प्रत्याशियों को भी उपचुनाव से नाम वापस लेने पैसों का ऑफर दिया गया था ।मंतूराम ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहां कि उनके अलावा दूसरे प्रत्याशियों को भी उपचुनाव से नाम वापस लेने पैसों का ऑफर दिया गया था। अंतागढ़ मामले में विवादास्पद रहे मंतूराम पवार ने कहा की अंतागढ़ उपचुनाव में नाम वापसी के लिए उन्हें 7 करोड रुपए का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्हें यह पैसे नहीं मिले। जबकि उनके अलावा छह और प्रत्याशियों को 1-1 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया था, उन्हें भी मात्र 50-50 हजार रुपए ही दिए गए। पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मंतूराम ने कहा कि इसे लेकर इन सभी प्रत्याशियों ने भी अदालत में धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है। मंतूराम ने जानकारी दी कि अंतागढ़ उपचुनाव के बात 3 नवंबर 2015 को उन्हें दिल्ली बुलाया गया था जहां उनकी डॉ रमन सिंह, पुनीत गुप्ता और फिरोज सिद्दीकी से मुलाकात हुई थी। डॉ रमन सिंह ने कहा था कि पुनीत गुप्ता यहां है राजेश मूणत से मिलकर सब सेट कर देंगे।
तुम चिंता मत करो सब बेहतर होगा। लेकिन वायदे के मुताबिक भाजपा में ना पद मिला और ना ही प्रतिष्ठा मिली। मंतूराम ने आरोप लगाया है कि भाजपा के लोग ही कहते थे कि डॉ रमन सिंह ने मंतूराम को खरीदा है। उन्होंने बताया कि उन्हें भाजपा से दादागिरी करके पार्टी से बाहर निकाला गया जिसके लिए रमन सिंह दोषी थे। मंतूराम ने स्पष्ट तौर पर कहां की मुझे बेचने वाला अजीत जोगी और खरीदने वाला रमन सिंह थे। 7 करोड़ के बारे में पूछे जाने पर मंतूराम ने कहा कि रमन हमेशा कहते थे कि मैं तो 7 फरवरी को दे चुका हूं तुम्हें नहीं मिला तो,गया कहां। मंतूराम ने कहा कि इस पूरे मामले में यदि मैंने पैसा लिया होता तो न्यायालय की शरण में नहीं गया होता। बल्कि लोग जैसे घूम रहे हैं, वैसा घूमता। उन्होंने कहा कि टेप कांड के खुलासे के बाद आज वॉयस सैंपल की बात की जा रही है। मैंने कोर्ट से कहा है कि मैं इसके लिए तैयार हूं। पुनीत गुप्ता और अजीत जोगी क्यों नहीं वायस सैंपल दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, राजेश मुणत, अमन सिंह और ओम प्रकाश गुप्ता के खिलाफ धमतरी थाने में बुधवार को एफ आई आर दर्ज कराई गई है।
मंतूराम पवार ने कहा कि उपचुनाव के द्वारा उन पर पड़ रहे दबाव के बारे में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को राजेश तिवारी के माध्यम से जानकारी भेजी थी। पता नहीं है जानकारी उन तक पहुंची या नहीं।मंतूराम पवार ने कहां की आज उनकी जान को खतरा है, बड़े राजनीतिक कुछ भी कर सकते हैं। यदि मुझे या मेरे परिवार को कुछ हुआ तो जिन- जिन लोगों का नाम लिया है यह दोषी होंगे। इन पर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि बस्तर के 12 उम्मीदवारों ने भी चुनाव में नामांकन भरा था। जिसमें से छह उनके साथ है। इनमें भीम सिंह उसेंडी, भोजराज नाग, देवनाथ हिड़को, महादेव मंडावी, शंकरलाल नेताम एवं वीरेंद्र कुमार शामिल है। रघुनाथ की मौत हो चुकी है। मंतूराम ने बताया कि मैंने 20 तारीख को अपना नामांकन वापस लिया था। मैं चुनाव लड़ना चाहता था। नाम वापस लेने के पीछे मेरे सामने दो मजबूरी थी। एक मुझे लालच दिया गया और दूसरा मेरी जान खतरे में थी। धमकी दी गई थी कि नाम वापस नहीं लेने पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है। नक्सल क्षेत्र में हो कभी भी इन काउंटर कराया जा सकता है। मेरा परिवार गांव में ही रहता था, उनकी रक्षा के लिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया था।