कोलकाता : कोलकाता में गंगा नदी के नीचे से बन रही बहुचर्चित ईस्ट वेस्ट मेट्रो के काम पर लगे स्थगन आदेश की मियाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक बार फिर बढ़ा दिया है। अब चार नवम्बर तक मेट्रो के लिए सुरंग खुदाई का काम नहीं हो सकेगा। सॉल्ट लेक को हावड़ा से जोड़ने के लिए बन रही इस महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना में सुरंग खुदाई का आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है। फ़िलहाल कोलकाता के बउबाजार इलाके में जमीन के नीचे सुरंग खोदा जा रहा था जिसकी वजह से क्षेत्र में मौजूद पुरानी इमारतों में दरारें पड़ने और दीवारों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। करीब 200 परिवार इससे प्रभावित हुए हैं, जिन्हें कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन (केएमआरसीएल) ने पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। इसके साथ ही जो इमारतें टूटी हैं अथवा क्षतिग्रस्त हुई हैं उनकी मरम्मत का काम भी कंपनी करा रही है।
इसी महीने की शुरुआत में इस पूरे क्षेत्र में सुरंग खुदाई की वजह से इमारतों में दरार पड़ने के कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईस्ट वेस्ट मेट्रो के काम पर रोक लगा दिया था। इस पर 17 सितम्बर को सुनवाई होनी थी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश थोट्टथिल भास्करण नायर राधाकृष्णन और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मेट्रो के काम पर लगी रोक की मियाद चार नवम्बर तक बढ़ा दिया। इस दौरान अदालत ने कहा कि राज्य सरकार और केएमआरसीएल को चार नवम्बर तक एक रिपोर्ट जमा देनी होगी जिसमें बताना होगा कि मेट्रो के काम की वर्तमान परिस्थिति क्या है, अगर किसी तरह की कोई दुर्घटना होती है तो उसे नियंत्रित करने की किस तरह की योजना है। इसमें कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन और राज्य सरकार के अलावा कोलकाता नगर निगम को भी शामिल करने का आदेश कोर्ट ने दिया है।