चित्रकूट : यूपी और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में आतंक का पर्याय बना सात लाख का कुख्यात इनामी डकैत बबली कोल गैंग के साथी दो लाख के इनामी डकैत लवलेश कोल के साथ मध्य प्रदेश के धारकुंडी थाना क्षेत्र के लेदरी के जंगलों में मारा गया। दुर्दांत डकैतों को मौत के घाट उतारने वाले लोली पटेल ने मध्य प्रदेश पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है। उधर, मध्य प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में दस्यु बबली कोल और लवलेश कोल के मारे जाने का दावा किया है। दोनों खूंखार डकैतों के शव भी बरामद कर लिए गए हैं।
विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित पाठा क्षेत्र पिछले पांच दशक से दुर्दांत डकैतों की शरण स्थली रही है। पांच लाख के कुख्यात इनामी डकैत ददुवा, ठोकिया, रागिया और बलखड़िया आदि डकैतों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद यूपी और एमपी के सीमावर्ती चित्रकूट और सतना समेत आसपास के जिलों में भय और आतंक का खात्मा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन दस्यु बलखड़िया के बाद गैंग की कमान संभालने वाले चित्रकूट जिले के मारकुंडी थाना क्षेत्र के ग्राम डोडामाफी गांव निवासी बबली कोल ने फिर से पाठा के बीहड़ में बंदूक की दम पर बहुत जल्द फिर से आतंक का साम्राज्य कायम कर लिया था। कई वर्षों से सरकारी कार्यों में कमीशन, अपहरण और डकैती आदि की जघन्य वारदातों के चलते बबली कोल देखते ही देखते सात लाख का कुख्यात इनामी डकैत बन गया था। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस कई वर्षों से लगातार इस मोस्ट वांटेड डकैत को मार गिराने के लिए जंगलों की खाक छान रही थी।
मध्य प्रदेश के रीवां आई जी चंचल शेखर ने बताया कि रविवार की शाम सतना जिले के धारकुंडी थाना क्षेत्र के लेदरी जंगल में हुई मुठभेड़ में बबली कोल दो लाख के कुख्यात डकैत लवलेश कोल के साथ मारा गया है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गये दुर्दांत डकैतों के पास से भारी मात्रा में असलहे और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 35 राउंड से भी ज्यादा गोलियां चलाईं जबकि डकैतों ने भी 15 से ज्यादा फायर किये थे। पुलिस ने दोनों डकैतों के शव रात भर खोजे और सुबह शव बरामद कर लिए गए हैं।