नई दिल्ली : अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से पूछा है कि सुनवाई के सीधे प्रसारण की व्यवस्था में कितना समय लगेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस याचिका का विरोध किया है। पिछले 6 सितम्बर को जब यह याचिका जस्टिस आरएफ नरीमन के समक्ष रखा गया था, तब उन्होंने कहा था कि ये मामला काफी संवेदनशील है। इसकी सुनवाई का सीधा प्रसारण कैसे किया जा सकता है? बेहतर है कि आप अपनी इस मांग को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही बेंच के सामने रखें। उसके बाद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज सुनवाई का आदेश दिया था।
याचिका बीजेपी के पूर्व नेता केएन गोविंदाचार्य ने दायर की है। गोविंदाचार्य की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा था कि चीफ जस्टिस के आदेश से ही तो ये याचिका आपके पास लिस्टेड हुई है। तब जस्टिस नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस की बेंच को सुनवाई के लिए भेज दिया। याचिका में कहा गया है कि यह विषय लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। संविधान की धारा 19(1)(ए) के तहत लोगों को जानने का अधिकार है कि राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई में क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थता कमेटी ने पिछले 1 अगस्त को अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी।