अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई लगातार जारी है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से दूसरे वकील जफरयाब जिलानी ने शुक्रवार को दस्तावेजों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की कि 1934 से 1949 के बीच भी बाबरी मस्जिद में नियमित नमाज होती थी. तो वहीं एक अन्य मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि हिंदू बाहर के अहाते में पूजा करते थे, लेकिन 22-23 दिसंबर 1949 की रात रामलला की मूर्ति को अवैध तरीके से मस्जिद के अंदर शिफ्ट कर दिया गया.
राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में 23वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से दूसरे वकील जफरयाब जिलानी ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि 1885 में निर्मोही अखाड़ा ने जब कोर्ट में याचिका दायर की थी तो उन्होंने अपनी याचिका में विवादित जमीन के पश्चिमी सीमा पर मस्जिद होने की बात कही थी. यह हिस्सा अब विवादित जमीन का भीतरी आंगन के रूप में जाना जाता है.