भाद्रपद माह की पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा का विधान है, नारद पुराण में इस दिन उमा-महेश्वर व्रत रखने का महत्व भी बताया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने भी उमा-महेश्वर व्रत रखा था। इस पूर्णिमा का महत्त्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसी दिन से पितृ पक्ष प्रारंभ होते हैं। यह पूर्णिमा भगवान सत्यनारायण की उपासना के लिए सबसे उत्तम है। इस वर्ष यह पूर्णिमा 13 सितंबर यानी आज के दिन है।
इस व्रत को करने वाले स्त्री- पुरुष को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद पूजा में साफ-सफाई करें। भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा या तस्वीर को एक लकड़ी के पटिए पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर रखें। पूजन से पूर्व अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए संकल्प लें। पूजा पूर्ण होने के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। कथा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें। दिनभर उपवास रखें।