रोडवेज के निजीकरण के विरोध और संविदा चालकों/ परिचालकों तथा आउट सोर्स के माध्यम से ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। कलेक्ट्रेट पहुंचे यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने सिटी मजिस्ट्रेट को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर बताया कि कर्मचारियों की मेहनत के बलबूते ही रोडवेज की आय में इजाफा हुआ है। इसके बावजूद सन् 2000 से जी तोड़ मेहनत करने वाले कर्मचारी नियमित नहीं किए जा रहे हैं और विभाग का निजीकरण किया जा रहा है।
क्षेत्रीय अध्यक्ष रामकैलाश यादव, क्षेत्रीय मंत्री रशीद अहमद ने कहा कि चाहे चुनाव हों या फिर माघ और कुंभ मेला, परिवहन कर्मचारी पूरी तन्मयता से काम करते हैं। इसी की बदौलत रोडवेज का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सका। लेकिन, निगम प्रबंधन इन कर्मचारियों का शोषण कर रहा है। जो वेतन/ पारिश्रमिक का भुगतान हो रहा है उससे परिवार की दाल रोटी बमुश्किल चल पा रही है। ऑन ड्यूटी किसी घटना में घायल होने पर संविदा कर्मचारी या परिचालकों के इलाज का खर्च भी नहीं दिया जाता। यह उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार है। सरकार मुनाफा हाेने के बाद भी निजीकरण करना चाह रही है। कर्मचारी सरकार के इस फैसले का विरोध करते है। सरकार का यह निर्णय कतई मंजूर नहीं होगा। कई अन्य समस्याएं भी ज्ञापन में बताई गई हैं। ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई है कि रोडवेज का निजीकरण न होने दें और संविदा कर्मियों की सेवा नियमित की जाए।