लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि गरीबों की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के समर्थन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का रामपुर जाना उनकी असलियत उजागर करता है। रामपुर में आजम खान का समर्थन करके असल में अखिलेश यादव अपनी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं। प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औ प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यननाथ की सरकार ने जिस तरह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे के साथ समाज के सभी तबकों के साथ एक न्यायपूर्ण विकास की गाथा लिखी है उसे सभी वर्ग का समर्थन मिल रहा है। इन परिस्थितियों ने विपक्षी दलों के लिए जरा भी गुंजाइश नहीं छोड़ी है। अपने दरकते समर्थन को बचाने के लिए अखिलेश यादव अब अपनी चिरपरिचित मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का सहारा ले रहे हैं। यह वही आजम खान हैं जिन्होंने पिछली सपा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लगातार आलोचना की।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि वर्ष 2012 में सपा सरकार बनने के दो वर्ष तक तो आजम खान ने अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई एक भी कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। आज केवल मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए ही अखिलेश यादव ने आजम खान जैसे भ्रष्ट और जमीन माफिया के पैरों पर समाजवादी पार्टी को रख दिया है। अखिलेश यादव भले ही खुद को पाक-साफ दिखाने का नाटक करते हों लेकिन असलियत तो यह है कि वह मुस्लिम तुष्टीकरण, भ्रष्टाचारी तुष्टीकरण और माफिया तुष्टीकरण का पर्याय बन गए हैं। प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति में अखिलेश यादव इतने अंधे हो गए हैं कि उन्हें रामपुर में उन गरीबों के आंसू नहीं दिखाई दे रहे जिनकी खून पसीने की कमाई आजम खान की विवादित जौहर यूनिवर्सिटी के चारदीवारी के भीतर समा गई है। अब प्रदेश और रामपुर की जनता आजम खान की असलियत जान गई है। तुष्टीकरण की राजनीति का पर्याय बन चुके अखिलेश यादव को जनता लगातार चुनावों में सबक सिखा रही है लेकिन वे अपनी पार्टी को पूरी तरह से समाप्त करने पर आमादा हैं।