अमित शाह ने नेडा के चौथे सम्मेलन का किया उद्घाटन
गुवाहाटी : केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को गुवाहाटी के शंकरदेव कला क्षेत्र में दीप प्रज्जवलित कर नेडा के चौथे सम्मेलन का उद्घाटन किया। समारोह में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के भाजपा के अध्यक्ष, नेडा में शामिल क्षेत्रीय दलों की सरकारों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, भाजपा और मित्र दलों के सांसद और विधायक भी हिस्सा ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि असम में भाजपा के नेतृत्व में राज्य सरकार के गठन के पश्चात पूर्वोत्तर राज्यों के गैर कांग्रेसी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने के लिए भाजपा ने नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलाइंस (नेडा) का गठन किया था। नेडा के गठन के पश्चात पूर्वोत्तर में भाजपा ने क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर पूर्वोत्तर के विकास की नई रूपरेखा तैयार किया।
सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में अमित शाह के साथ मिजोरम के सीएम जोरामथांगा, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देव, नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो, सिक्किम के सीएम प्रेम कुमार तमांग, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा, अरुणाचल प्रदेश के सीएम प्रेमा खांडू, मणिपुर के सीएम एन वीरेंद्र सिंह, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, केंद्र सरकार के मंत्री किरण रिजिजू, रामेश्वर तेली, जितेंद्र सिंह, असम गण परिषद के अध्यक्ष और असम सरकार के मंत्री अतुल बोरा, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के अध्यक्ष और बीटीएडी के मुख्य कार्यकारी पार्षद हग्रामा महिलारी, टंकेश्वर राभा, भाजपा के पूर्वोत्तर के सांगठनिक महासचिव अजय जामवाल, नेडा के संयोजक डॉ हिमंत विश्वशर्मा समेत अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नेडा के संयोजक डॉ विश्वशर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि यह इतिहास में पहली बार हो रहा है जब पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्री गैर कांग्रेसी हैं। यह सचमुच में मेरे राजनीतिक जीवन में स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी हम सभी एकजुट रहने का संकल्प लेते हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच एक सद्भाव की स्थिति कायम करने के लिए नेडा एक बेहतरीन प्लेटफार्म है। डॉ विश्वशर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर की 25 लोकसभा सीटों में से वर्तमान समय में 19 सांसद नेडा के हैं। इससे नेडा के महत्व और ताकत का पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने पूर्वोत्तर को देश की संपदा के रूप में देखते हैं। डॉ विश्वशर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की अपनी सीमाओं की समस्या का निश्चित तौर पर समाधान होगा। हम सभी आपसी चर्चा के जरिए अपनी सीमाओं का समाधान करेंगे और क्षेत्र के विकास के लिए मिलजुल कर काम करेंगे।