बेसिक शिक्षा में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा अच्छा कर सकती हैं महिलाएं
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक शिक्षक के रूप में अगर समाज में कुछ योगदान देने का अवसर हमें प्राप्त हो रहा है, तो हमें अपने जन्म और जीवन को धन्य मानना चाहिए। कोई भी बच्चा जब अपने परिवार से समाज के सम्पर्क में आता है, तो उसका सबसे पहला सामना शिक्षक से होता है। परिवार में माता-पिता से बच्चा जो कुछ भी सीखता है, उसे तराशने की सबसे पहली इकाई शिक्षक होती है। शिक्षकों को बालक एवं बालिकाओं के अंदर यह भाव पैदा करना चाहिए कि परिश्रम और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं है। एक बालक अपने जीवन के अलग-अलग कालखंड में उससे जुड़ने वाले अन्य लोगों को विस्मृत कर सकता है, लेकिन वह अपने माता-पिता और प्राथमिक शिक्षकों को कभी नहीं भूल सकता।
मुख्यमंत्री बुधवार को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रेरणा ऐप का लोकार्पण एवं राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति के समग्र विकास में प्राथमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है। विगत ढाई वर्षों में प्रदेश के अंदर शिक्षा और खासकर बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में जो नयापन आया है, उसका परिणाम है कि बेसिक शिक्षा परिषद को भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से दीक्षा चैम्पियन अवार्ड प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार यहां 49 शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है। जिसमें से 20 महिला शिक्षिका और 29 पुरुष शिक्षक हैं। अगली बार हर जनपद से एक उत्कृष्ट शिक्षक का चयन होगा और सभी 75 शिक्षकों का यहां सम्मान किया जाएगा। मैं ऐसी भी उम्मीद करता हूं कि इस सम्मान में महिला शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी, क्योंकि बेसिक शिक्षा में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा अच्छा कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना के कार्य में जब शिक्षक लगता था, तो बिल्कुल सही जनगणना होती थी। इससे घर-घर सम्पर्क होता था, लेकिन आज शिक्षक कहते हैं कि हम जनगणना के साथ नहीं जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में हमारी सरकार आई तो कहा गया कि बेसिक शिक्षा बहुत ज्यादा खर्च किया जा रहा है। तो हमने कहा कि इससे शिक्षा का विकास होगा और तभी आपरेशन कायाकल्प की शुरूआत की गई। 2017 में स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ किया गया था। इस अभियान से स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है। बहुत से देश की इतनी जनसंख्या नहीं होगी, जितनी आज उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश पहले बहुत पीछे था, देश में कहीं उसकी गिनती नहीं होती थी। आज उन्हीं योजनाओं में प्रदेश नं. 1 या 2 पर रहता है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी आज की आवश्यकता है। हमने इसका उपयोग जिस भी फील्ड में किया बहुत अच्छे परिणाम सामने आए। भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से कर पा रहे हैं।
इससे पहले बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में न केवल बेसिक शिक्षा, बल्कि सम्पूर्ण शिक्षा का कायाकल्प हो रहा है। आज देश दुनिया की पत्र-पत्रिकाओं में उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा के कायाकल्प की चर्चा हो रही है। कार्यक्रम में 49 शिक्षकों को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र, 25 हजार रुपये की धनराशि और स्मृति चिन्ह के तौर पर मां सरस्वती की प्रतिमा देकर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री मोहसिन रजा, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार के साथ अन्य वरिष्ठ नेता एवं शिक्षक मौजूद रहे।
क्या है प्रेरणा ऐप
यह ऐप यूपी डेस्को और एनआईसी के सहयोग से तैयार किया गया है। सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को गति प्रदान करने, शिक्षकों की सेवा पुस्तिका एवं विभिन्न अवकाशों का ऑनलाइन रखरखाव तथा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान इस ऐप के जरिए किया जाएगा। जिसे मानव सम्पदा पोर्टल से इंटीग्रेटेड किया गया है। इसके लागू हो जाने के बाद विभाग की कार्यशैली में अमूल-चूल परिवर्तन आएंगे।