कोलकाता : गंगा नदी के नीचे बन रही भारत की पहली बहुचर्चित ईस्ट वेस्ट मेट्रो के काम की वजह से कोलकाता के बउबाजार इलाके में जिन इमारतों की दीवारें फट गई हैं वहां रहने वाले लोगों से मिलने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची। सोमवार शाम वह थाना क्षेत्र के दुर्गा पीतुरी लेन स्थित क्षेत्र में पहुंची थीं। वहां सीएम के आने से पहले से ही मेट्रो रेलवे के इंजीनियर, राज्य सरकार के अधिकारी और नगर निगम की टीम मौजूद थी। मुख्यमंत्री को बताया गया कि जिन इमारतों में दरारें पड़ी थीं वहां रहने वाले परिवारों को मेट्रो रेल प्रबंधन में सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया है। उनके रहने की व्यवस्था मेट्रो रेलवे की ओर से ही की गई है। सीएम ने उन परिवारों से भी बात की। उन्होंने जानना चाहा कि किस तरह से उन्हें रखा गया है और वह जगह सुरक्षित है या नहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि इस तरह का काम होने पर समस्या होती है। वह इसमें कोई राजनीति नहीं करना चाहतीं। मेट्रो रेलवे को काम पूरा करने में हर तरह से सहयोग करेंगी।
दुर्गा पितुरी लेन के अलावा सांकड़ापाड़ा लेन में भी कई इमारतों में दरारें पड़ी है। यहां एक इमारत टेढ़ी होकर दूसरी इमारत पर सट गई है। वहां के सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सोमवार से ही मेट्रो रेलवे के इंजीनियरों ने इसकी जांच शुरू की है कि आखिरकार यह दुर्घटना हुई कैसे? बताया गया है कि जमीन के नीचे खोदी जा रही सुरंग में पानी भर जाने की वजह से मिट्टी खिसकी है और दीवारों में दरार पड़ी है। भविष्य में ऐसा ना हो इसकी व्यवस्था करने में मेट्रो रेल प्रबंधक जुटा है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सचिवालय नवान्न में मंगलवार अपराह्न तीन बजे से वह मेट्रो रेल प्रबंधन के साथ बैठक करेंगी। उसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त, नगर निगम, स्थानीय सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए पहले से ही मुख्यमंत्री समझ लेना चाहती हैं। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने यहां के लोगों से बात की। इतनी बड़ी दुर्घटना हुई है। अगर तुरंत बचाव कार्य शुरू नहीं होता तो कई लोगों की जान जा सकती थी। इसे लेकर मंगलवार को बैठक में विस्तार से चर्चा होगी। घटना की वजह से जो लोग बेघर हुए हैं उनके पुनर्वास के बारे में पूरी योजना बनाई जाएगी। यहां रहने वाले लोग अपने कीमती सामानों को छोड़कर दूसरी जगह शरण लिए हैं।”