यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के 1695 मेधावियों को किया सम्मानित
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने जब 2 वर्ष पहले इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था, तब प्रदेश का माहौल चुनौतीपूर्ण था। सबसे पहले हमने नकल पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया और इसमें सफल हुए। प्रदेश में शिक्षकों और बच्चों के बीच संवाद कराया गया और परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए शिक्षण संस्थाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों का भी भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ। नकल पर नकेल कसने के बाद 5 लाख छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ी। जांच करने पर पता चला कि ये 5 लाख वे थे जिनका प्रदेश से कोई नाता नहीं था, केवल नकल कर सर्टिफिकेट लेने के लिए दाखिला लेने वाले लोग थे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम लोगों ने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी नहीं होगी बल्कि उस महापुरुष के बारे में हम पढ़ाएंगे। हमने सुनिश्चित किया कि परीक्षा 3 महीने की जगह 15 दिन में हो और ऐसा हुआ भी। इसके लिए हम माध्यमिक शिक्षा परिषद को धन्यवाद देते हैं।
रविवार को प्रदेश सरकार की तरफ से मेधावी सम्मान समारोह आशियाना स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के 1695 मेधावियों को सम्मानित किया। हाइस्कूल और इंटर की राज्य स्तरीय मेरिट सूची में शामिल 120 मेधावियों को एक-एक लाख रुपये, टैबलेट और प्रशस्ति पत्र दिया गया। जिला स्तर पर टॉप टेन की सूची में शामिल 1575 मेधावियों को 21 हजार रुपये व टैबलेट देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम मात्र नहीं है बल्कि यह इंसान के समग्र विकास के साथ-साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का आधारस्तंभ है। उन्होंने कहा कि अभिभावक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। किसी भी बच्चे का पहला शिक्षक अगर कोई होता है, तो वो उसकी मां होती है। आप जैसे संस्कार-वातावरण देंगे, वैसा ही बच्चे के जीवन पर प्रभाव पढ़ता दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि सरकारी चीजों को लावारिस-अनाथ माना जाता है लेकिन वो अनाथ नहीं है बल्कि हम सबकी है, हमारी अपनी हैं। प्रदेश की कोई भी चीज जो सार्वजनिक है, वह हम सब की है। उसका संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। अगर स्कूल में कोई बच्चा और शिक्षक झाड़ू लगाना प्रारंभ करे तो मुझे लगता है कि इसकी सराहना की जानी चाहिए। इसके पहले प्रदेश के माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग संभाल रहे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि मेधावी छात्रों ने अपना योगदान दिया। नकल विहीन परीक्षाओं में योगदान दिया। हमारी सरकार ने एक और बदलाव किया है। अब तो यहां एनसीआरटी की किताब लाई गई। पहले महंगी किताबें लेनी पड़ती थी, जिससे अब छुटकारा मिल गया है। समारोह को मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी संबोधित किया। मंच पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला भी मौजूद थीं।