हरितालिका तीज के दिन विधि विधान से शिवजी और पार्वती की पूजा की जाती

हरितालिका तीज सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन निर्जला व्रत रहती हैं। यह सुहागिन औरतों का सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार को हर साल भाद्र पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस साल 1 सितंबर को हरितालिका तीज मनाई जाएगी। वहीं महिलाएं अभी से व्रत की तैयारी शुरू कर दी हैं।

इस दिन महिलाएं शिव, पार्वती के साथ गणेश जी की पूजा करती हैं। इस दिन माता पार्वती और शिवजी का भजन किया जाता है। हरितालिका तीज के दिन विधि विधान से शिवजी और पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत की पूजा प्रदोषकाल में किया जाता है। अपने पूजा स्थान पर चौकी रखें, उस पर माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी को स्थापित करें। फूल और श्रृंगार का समान चढ़ाकर पार्वती जी को वस्त्र भी दान करें। इस दिन कथा सुनने का बहुत महत्व होता है। पूजा करने के बाद महिलाओं के साथ बैठकर कथा सुनें।

हरितालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। पूरे दिन निर्जला रहने के बाद अगले दिन जल ग्रहण किया जाता है। अगर एक बार आप इस व्रत को करना शुरू कर देते हैं तो इसे दोबारा छोड़ा नहीं जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं।

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