कोलकाता : असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से 19 लाख लोगों को बाहर करने को लेकर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। पार्टी ने शनिवार शाम बयान जारी कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उसने आरोप लगाया कि बांग्लाभाषी लोगों को देश से निकालने की साजिश केंद्र की भाजपा सरकार रच रही है। नागरिकता सूची से बाहर किए गए लोगों को रहने-खाने चिकित्सा आदि देखरेख की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को उठानी होगी। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतिम एनआरसी सूची से बाहर रहने वाले 19.07 लाख लोगों पर चिंता व्यक्त की है। लोगों को उनके ही देश में बेघर कर दिया गया है।
मेयर हकीम ने कहा कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी उन 19 लाख लोगों के भविष्य को लेकर चिंतित है, जिन्हें एनआरसी से बाहर रखा गया है। उनका क्या होगा? उनका भविष्य क्या है? पिछले साल एनआरसी सूची जारी होने के बाद ममता ने इसका विरोध किया था। लोगों से बात करने के लिए असम में एक प्रतिनिधिमंडल भी भेजा था। उन्होंने कहा कि यह असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश है। सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है कि उन नागरिकों को घुसपैठिया घोषित कर रही है, जो पिछले कई दशकों से असम में रह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि एनआरसी में शामिल करने के लिए कुल 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था। असम एनआरसी समन्वयक कार्यालय के अनुसार, 3,11,21,004 को अंतिम सूची में नागरिकता दी गई है जबकि 19,06,657 को शामिल नहीं किया गया है। जिन लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया है, उनके पास फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील करने के लिए 120 दिन हैं।