कोलकाता : कोलकाता के बैंकशाल स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने बर्दवान विस्फोट में दोषी करार दिए गए चार बांग्लादेशी नागरिकों सहित 19 जेएमबी आतंकवादियों की सजा का शुक्रवार को ऐलान कर दिया। 19 दोषियों को छह से 10 साल तक की सजा सुनायी गयी है। छह आतंकियों को 10-10 साल की सजा, दो महिलाओं समेत तीन लोगों को छह-छह साल और बाकी 10 लोगों को आठ-आठ साल की सजा सुनायी गई है। सभी 19 लोगों को देश के खिलाफ साजिश रचने, युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था। अदालत ने बुधवार को मामले के 19 आरोपितों को दोषी करार दिया था। दो अक्टूबर 2014 को बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ स्थित एक दो मंजिली इमारत में बम तैयार करते वक्त बड़ा विस्फोट हुआ था जिसमें जेएमबी के दो आतंकवादियों की मौके पर मौत हो गई थी जबकि दो घायल हुए थे।
दो महिला आतंकियों- अलीमा बीबी एवं गुलशन आरा बीबी और साइकोल इस्लाम को छह-छह साल कारावास की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश के चार नागरिकों- शेख रहमतुल्लाह, सादिक उर्फ सुमन, लियाकत अली उर्फ रुबेल और हबीबुर्रहमान के साथ दो भारतीय नागरिकों- लाल मोहम्मद उर्फ लाल्टू और शहीदुल इस्लाम उर्फ शमीम को 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। बाकी 10 आतंकवादियों को कोर्ट ने आठ-आठ साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। ये हैं अब्दुल हकीम, अमजद अली शेख उर्फ काजल, सहानूर आलम उर्फ डॉक्टर, रेजाउल करीम उर्फ अनवर, हबीबुर्रहमान उर्फ नूर आलम, ग्यासुद्दीन मुंशी, मुफज्जल अली उर्फ लादेन, अबुल कलाम उर्फ अब्दुल कलाम, अब्दुल वहाब मोमिन और नूरुल हक मंडल उर्फ नइम। इन पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जो आतंकी जितने दिनों से जेल में है इतने दिनों की सजा इनकी कोर्ट द्वारा निर्धारित सजा से कम कर दी जाएगी। आतंकवादियों के अधिवक्ता फैजल अहमद खान ने कहा कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का रास्ता खुला है, लेकिन अभी हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे या नहीं इस पर निर्णय नहीं ले सके हैं।