भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का दिन ठीक नहीं रहा. बाजार में चौतरफा बिकवाली की वजह से बाजार 6 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ. सेंसेक्स करीब 587 अंकों से ज्यादा टूटकर 36 हजार 472 के स्तर पर रहा. सेंसेक्स का 5 मार्च के बाद सबसे निचला स्तर है. वहीं निफ्टी भी करीब 186 अंक कमजोर होकर 10800 के नीचे 10,732.65 के स्तर तक फिसल गया. इससे पहले निफ्टी ने 26 फरवरी को इस स्तर को टच किया था. कारोबार के दौरान सबसे अधिक गिरावट मेटल, बैंकिंग, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर में देखने को मिली. लेकिन सवाल है कि शेयर बाजार की इतनी बुरी हालत क्यों हुई.
शेयर बाजार में हाहाकर की कई वजह हैं. दरअसल, आर्थिक मंदी से जूझ रहा ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहा है. लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर कोई अच्छी खबर नहीं दी गई है. इसके उलट मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को माइंडसेट बदलने की सलाह दी है. के. सुब्रमण्यम ने प्राइवेट सेक्टर की तुलना एक जवान हो चुके व्यक्ति से करते हुए कहा, ‘‘इस 30 साल के व्यक्ति को अब अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए. यह बालिग व्यक्ति लगातार अपने पिता से मदद नहीं मांग सकता. आपको इस सोच को बदलना होगा. आप यह सोच नहीं रख सकते कि मुनाफा तो खुद लपक लूं और घाटा हो तो सब पर उसका बोझ डाल दूं.’’