21 अगस्त 1917 मुंबई में बाबा सहब द्वारा लिए गये संकल्प को किया याद – भवननाथ पासवान
लखनऊ : डा0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के तत्वाधान में बुधवार को राष्ट्रीय कार्यालय फ्लैट 2 चंचल काम्पलेक्स,नियर वर्लिंगटन चौराहा लखनऊ में संकल्प दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 21 अगस्त 1917 को बाबा साहब डा0 अम्बेडकर ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मुम्बई के बन्दरगाह पर अपने अनुआइयों के साथ संकल्प लिया था। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश अध्यक्ष आशा राम सरोज ने किया। मुख्य अतिथि भवन नाथ पासवान विशिष्ट अतिथि संत लाल सहायक गन्ना आयुक्त, राधेश्याम राम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा मुख्य वक्ता राष्ट्रीय धम्म प्रचारक के0 पी0 राहुल ने कहा कि बडौदा नरेश सैय्या जी राव गायकवाड ने बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर को उच्च शिक्षा हेतु तीन वर्ष की स्कालरशिप स्वीकृत करके 1913 में कोलंबिया विश्वविद्यालय भेजा। बाबा साहेब ने वहॉं से पीएचडी किया। उसके बाद भी वे अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते थे। दो वर्ष के लिए अतिरिक्त स्कालरशिप का आवेदन करके वे लंदन चले गये। वहॉं से अर्थशास्त्र में डीएससी करना चाहते थे। अतिरिक्त स्कालरशिप मात्र एक वर्ष के लिए स्वीकृत हुईं। अतः बाबा साहेब को अधूरी पढाई छोडकर भारत लौटना पडा, जिसे उन्होंने बाद में पूरा किया। इसी बीच साउथबरो कमेटी का गठन हुआ और बाबा साहेब भारत के वंचितों को मानवाधिकार दिलाने के लिए आंदोलन में उतर गए। साउथबरो कमेटी के समक्ष बाबा साहेब ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किया लार्ड साउुथबरो ने उसे मैग्नाकार्टा ’मानवाधिकार का घोषण-पत्र’ कहा।
भारत लौटकर जब 21 अगस्त 1917 को बाबा साहेब बंबई में उतरे तो उनको देखने के लिए वहॉं जन शैलाब उमड पडां वहॉं बाबा साहेब ने जन षैलाब को सम्बोधित करते हुये कहा- ’ऐ मेरे भारत के लोगों तुम अपनी दीवारों पर लिख लो हम इस देष के असली मालिक हैं। मैं वादा करता हूं कि इसे जीत कर मैं दोवारा तुम्हारे हाथों में सौंप दूंगा। तुम इस देश के पुनः मालिक बन सकते हो मैं इसकी शर्त बताये देता हॅूं। तुम बुद्ध को अपना लो ’यानी जानकार और समझदार बन जाओ’। एक व्यक्ति का एक वोट और एक वोट की एक कीमत का सिद्धांत देकर बाबा साहेब ने अपना संकल्प पूरा किया। लेकिन मालिक तो दूर 70 साल वाद भारत के वंचित भारत के नागरिक भी नहीं बन पाये। डा0 अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच ने इस पावन दिन को संकल्प दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय इसलिए लिया ताकि हम भारत का संप्रभु नागरिक बनने के लिए बाबा साहेब द्वारा बताई गई शर्त को याद रख सकें, उसे पूरा कर सकें। बाबा साहेब द्वारा बताई शर्त को पूरा करके हम इस दिवस को यादगार बनायेंगे। ऐसा हम संकल्प लेते हैं। पुरानी गल्तियों का प्रायश्चित करने के बजाय केन्द्र और दिल्ली सरकार ने सुप्रीप कोर्ट का बहाना बनाकर संत रविदास जी की लगभग 600 साल पुरानी मन्दिर को तुडवा दिया। डॉ0 अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच इस कृत्य की निन्दा और भत्र्सना करता है और मन्दिर की पुर्नस्थापना के लिए आंदोलन करने का संकल्प भी लेता है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैलेश कुमार धानुक,मनसा राम रावत, पीतामबर प्रसाद,राम भारत, राजेष प्रसाद, मनोज कुमार,मूलचन्द्र प्रधान, नरेश पाल,पृथ्वी राज यादव, विक्रम धानुक, सन्तोष कुमार, सपन धानुक, राम विरज रावत,षिव बालक, आषीष कुमार,विषाल सोनकर,ज्ञानेन्द्र कुमार,डॉ0 पी0 के0 राजवंषी, नीलमणी नरसिंह राव, बंषीलाल, गोविंद प्रसाद आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।