बॉलीवुड मे अपने सूफी अंदाज के लिए खास पहचान रखने वाले कैलाश खेर को कौन नहीं जानता। कैलाश खेर आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। कैलाश कश्मीरी पंडित हैं। कैलाश खेर के पिता एक अच्छे लोक गायक थे। इस कारण बचपन से ही कैलाश खेर को भी संगीत का शौक लग गया और उन्होंने बहुत ही छोटी उम्र से गाना शुरू कर दिया। ऐसा सुनने में आया है कि एक समय यह सिंगर आत्महत्या करना चाहता था।
जानकारी के अनुसार, कैलाश के परिवार ने उनके संगीत के कॅरियर बनाने का विरोध किया, जिस वजह से उन्हें संगीत छोड़ना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कैलाश संगीत के जुनून में यहां—वहां भटकते रहते थे। गायक बनने से पहले उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। अपना खर्च निकालने के लिए कैलाश संगीत की ट्यूशन पढ़ाते थे। एक बार उन्होंने अपना एक बिजनेस शुरू किया और वह बिजनेस बुरी तरह डूब गया। इससे कैलाश खेर इतने निराश हो गए कि वे डिप्रेशन में चले गए और आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था और कैलाश का यह प्रयास सफल नहीं हुआ। कैलाश खेर एक ऐसा समय था जब मेरे साथ सब कुछ खराब हो रहा था और मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था। मैं आत्महत्या करना चाहता था। इसके बाद वह 2001 में मुंबई आ गए और गायक बनने के लिए कोशिश करने लगे। कैलाश खेर ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि बिजनेस में नुकसान और मुंबई में संयोग से वे गायक बन गए।
बता दें कि कैलाश खेर को पहचान उनके ‘अल्लाह के बंदे’ गाने से मिली। इसके बाद उनका गाना रब्बा, चांद सिफारिश बहुत फेमस हुए। कैलाश अपना एक बैंड कैलासा भी चलाते हैं। उन्हें कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं, इनमें फिल्मफेयर का बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी शामिल है।