अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल डॉक्टर राजाराम सिंह ने बताया कि तहसील सिरौली गौसपुर के विकास खण्ड सूरतगंज, सिरौलीगौसपुर, टिकैतनगर व दरियाबाद के 17 गांवों बाढ़ से ग्रस्त है। बाढ़ का पानी इन गांवों में आने से जनजीवन बेपटरी हो गया है। सिरौलीगौसपुर ब्लॉक के कई गांव मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित है। लिहाजा इन सभी विकास खण्डों में स्वास्थ विभाग की टीमों को सक्रिय किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी कुल 4 मेडिकल टीमे लगाई गई है। जिनमें एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेंत अन्य कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौपी गई है। जिसकी मॉनिटरिंग भी कराई जा रही है। टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर लोगों को शुद्ध पेयजल पीने के बारे में जागरूक करने के साथ क्लोरीन, ओआरएस का पाउडर सहित अन्य जरूरी दवाएं वितरित कर रही है। डेगू, चिकनगुनिया बीमारी व मलेरिया, मच्छर ना पनपें इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जल भराव वाले स्थानों पर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है।
एसीएमओ ने आगे बताया की बाढ़ का पानी जब उतरता है तब बीमारियां तेजी से फैलती है लिहाजा उन लोगों को अभी से जागरूक भी किया जा रहा है ताकि लोग बाढ़ का पानी उतरने के दौरान सावधानी बरतें। साथ ही प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भ्रमण किया । मौके पर ग्रामीणों को बाढ़ के दौरान खानपान में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्हें बताया कि इस समय पानी को उबालकर पियें जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होगा। बताया गया कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सबसे ज्यादा बीमारियां पानी की वजह से फैलती है, दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण हो जाता है और लोग डायरिया की चपेट में आ जाते हैं, फिर उनकी उल्टी दस्त की वजह से शरीर कमजोर हो जाती है, बावजूद कई बार जानलेवा भी हो जाती है। इसलिए साफ पानी ही पियें। उन्होंने आगे बताया कि बाढ़ की वजह से जहरीले जीव-जंतु बाहर आ जाते हैं इसलिए अपने रहने वाले स्थान के आसपास हमेशा साफ सफाई बनायें रखें।