जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे की बैठक में भले ही चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया है, लेकिन एक सीमा के आगे चीन इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ बहुत दूर तक नहीं जा सकता है। चीन को इस मामले में अपनी सीमाओं और विवशता का अहसास है, इसीलिए चीनी नेतृत्व चाहता है कि कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान आपसी बातचीत और सहमति से ही सुलझा लें।
क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहा तनाव अगर किसी तरह के संघर्ष का रूप लेता है तो उससे पूरे दक्षिण एशिया की शांति और विकास पर असर पड़ेगा, जिससे चीन की विकास यात्रा में भी बाधा पड़ सकती है। साथ ही आम चीनी जनता का रुख पाकिस्तान की अपेक्षा भारत के पक्ष में ज्यादा है और लोग भारत को एक जिम्मेदार पड़ोसी देश मानते हैं।