राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की देहरादून में हुई समन्वय बैठक में राज्य में कार्य कर रहे संघ से जुड़े 32 संगठनों के कामकाज की समीक्षा की गई। इस मौके पर संघ के कार्यों पर संतोष जताते हुए इनमें और तेजी लाने की जरूरत बताई गई। बैठक में संघ की नई गतिविधि के रूप में शामिल पर्यावरण एवं जल संरक्षण से संबंधित कार्यों में समाज की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कराने पर भी बल दिया गया।
जीएमएस रोड स्थित एक फार्म हाउस में सुबह से देर रात तक चली समन्वय बैठक में संघ की सभी गतिविधियों सामाजिक समरसता, धर्म जागरण, ग्राम्य विकास, परिवार प्रबोधन, गो संरक्षण, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही आगामी लक्ष्य भी तय किए गए।
सूत्रों के अनुसार मैराथन बैठक में संघ के स्वयंसेवकों के आचार- व्यवहार पर भी मंथन हुआ। स्वयंसेवकों से कहा गया कि वे अपने आचार-व्यवहार को ठीक रखें और निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में जुटें।
सूत्रों के मुताबिक राज्य में संघ के कार्यों की गति पर संतोष प्रकट किया गया। साथ ही सभी गतिविधियों के प्रमुखों, सैद्धांतिक रूप से संघ से जुड़े संगठनों से संघ के कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए। संघ की नई गतिविधि पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर खास फोकस किया गया।
कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर खास फोकस किया है। कहा गया कि पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों व संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही इसमें समाज की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
देर शाम को बैठक में शामिल हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि समन्वय बैठक में संघ के कार्यों में और तेजी लाने पर बल दिया गया। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह शशिकांत दीक्षित, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख जगदीश, सह संगठन मंत्री लालचंद, प्रांत प्रचारक युद्धवीर, प्रांत संघ चालक गजेंद्र सिंह, सह संघ चालक डॉ.राकेश भट्ट, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के प्रांत प्रमुख डॉ.आरबीएस रावत समेत अन्य गतिविधियों के प्रमुख और सभी 32 संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद करेगा संघ
समन्वय बैठक में राज्य में दैवीय आपदा को लेकर भी चर्चा हुई। संघ के स्वयंसेवकों से कहा गया कि वे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों में सक्रिय सहयोग दें। साथ ही आपदा प्रभावितों की यथासंभव मदद करें।
गुरुदक्षिणा सप्ताह 31 अगस्त से
इस मौके पर गुरुदक्षिणा कार्यक्रम को लेकर भी मंथन किया गया। जानकारी दी गई कि 31 अगस्त से सात सितंबर तक गुरु दक्षिणा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।