मैनपुरी : सऊदी अरब के रियाद शहर में फंसे आनंद की वापसी बुधवार को भी नहीं हो सकी। भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद रियाद स्थित कंपनी के मालिक ने आनंद और उसके दो अन्य साथियों के पासपोर्ट वापस कर दिए। उन्हें रहने के लिए रियाद में एक आवास भी दिला दिया गया है। दूतावास के अधिकारियों को कंपनी के मालिक ने भारत के टिकट उपलब्ध कराने के लिए दो दिन का समय मांगा है। 17 मार्च को आनंद बाथम यूपी के अन्य छह साथियों के साथ नौकरी करने के लिए सऊदी अरब के रियाद शहर गया था। वहां उसे केमिकल फैक्ट्री में नौकरी दी गई जिससे आनंद और उसके सभी छह साथी बीमार पड़ गए।
आरोप है कि कंपनी के मालिक अकील अंसारी और शरीफ तवरेज ने उनके साथ मारपीट की और उनका पासपोर्ट छीन लिया। जो आवास उन्हें रहने के लिए दिया गया था उससे भी उन्हें निकाल दिया गया। दो अगस्त को आनंद ने रियाद से अपने साथियों को एक वीडियो और मैसेज मैनपुरी भेजे और बताया कि उन्हें बंधक बना लिया गया है और उन्हें भारत आने नहीं दिया जा रहा है। बीते शनिवार को भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप पर कंपनी का मालिक तवरेज सभी युवकों को दूतावास ले गया जहां अभिलेखों पर हस्ताक्षर कराए गए। आनंद और उसके दो उन्नाव निवासी साथियों को रविवार तक भारत भेजने की बात तय हुई थी लेकिन टिकट का इंतजाम नहीं हो सका।