पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और नेपाल दो ऐसे मित्र देश है जिनकी मित्रता त्रेता युग की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि राजा जनक और राजा दशरथ ने सिर्फ़ जनकपुर और अयोध्या ही नहीं, भारत और नेपाल को भी मित्रता और साझेदारी के बंधन में बांध दिया था. बता दें कि मोदी यहां मोदी जनकपुर से अयोध्या के बीच चलने वाली बस सेवा को हरी झंडी दिखाई जाने के लिए आयोजित कार्यक्रम के स्वागत समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने माता जानकी मंदिर में पूजा अर्चना भी की.
भारत नेपाल के रिश्तों के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि, ‘ये बंधन है राम-सीता का. बुद्ध का, महावीर का. यही बंधन रामेश्वरम् में रहने वाले को खींच कर पशुपतिनाथ ले आता है. यही बंधन लुंबिनी में रहने वाले को बोधगया ले जाता है. और यही बंधन, यही आस्था, यही स्नेह, आज मुझे जनकपुर ले आया है. मोदी ने कहा कि ये मां जानकी का धाम है, जिसके बिना अयोध्या अधूरी है. मोदी ने अपने भाषण के दौरान जनकपुर वासियों की तारीफ भी की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘आपकी धर्मनिष्ठा सागर से गहरी है और आपका स्वाभिमान सागरमाथा से ऊंचा है. जैसे मिथिला की तुलसी भारत के आंगन में पावनता, शुचिता और मर्यादा की सुगंध फैलाती है वैसे ही नेपाल से भारत की आत्मीयता इस संपूर्ण क्षेत्र को शांति, सुरक्षा और संस्कार की त्रिवेणी से सींचती है. मिथिला कलाकृति को अद्भुत बताते हुए उन्होंने कहा कि, ‘मिथिला की संस्कृति और साहित्य, मिथिला की लोक कला, मिथिला का स्वागत सम्मान सब अद्भुत है. पूरी दुनिया में मिथिला संस्कृति का स्थान बहुत ऊपर है.’