चार साल से लटका विधेयक विधानसभा में पारित
चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा ने मंगलवार को मानसून सत्र के आखिरी दिन चार साल से लटके हरियाणा कंट्रोल ऑफ आग्रेनाइज्ड क्राइम एक्ट (हकोका) विधेयक को पारित कर दिया। हकोका हरियाणा में संगठित अपराधियों की कमर तोड़ेगा। गृह विभाग ने इसका मसौदा 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के बाद तैयार किया था। आईएएस और आईपीएस लॉबी में आपसी समन्वय के अभाव में यह कानून लागू नहीं हो सका था। मनोहर सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम विधानसभा सत्र के अंतिम दिन इसे विधेयक के रूप में पारित करके लागू कर दिया है। अब राज्यपाल ने अधिसूचित करेंगे। सरकार ने फिलहाल महाराष्ट्र में लागू महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आग्रेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के प्रारूप के रूप में ही लागू किया है।
क्या है हकोका
मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य शहरों में अंडरवल्र्ड के आतंक से निपटने के लिए 1999 में राज्य सरकार ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आग्रेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) कानून बनाया था। इसके तहत जांच एजेंसी खूंखार अपराधों, संगठित अपराध गिरोह और क्राइम सिंडिकेट चलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करती है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियां की सहमति जरूरी है। कानून के मुताबिक खास तरह के मामलों में मकोका लगाया जा सकता है। इसमें जमानत का प्रावधान नहीं है। इसके तहत अधिकतम सजा फांसी है, जबकि कम से कम पांच साल कैद का प्रावधान है।