लखनऊ विश्वविद्यालय में हुए मारपीट के मामले को हाइकोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ बेंच ने स्वत संज्ञान लिया है। कुलपति एसपी सिंह, प्रॉक्टर विनोद सिंह और एसएसपी दीपक कुमार को हाईकोर्ट ने तलब किया है। सभी को छह जुलाई को कोर्ट में हाज़िर होकर जवाब देने को कहा है। कुलपति एसपी सिंह, प्रॉक्टर विनोद सिंह, एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार छह को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
प्राक्टर प्रो. विनोद सिंह से मारपीट कर उनकी शर्ट फाड़ दी गई। कुलपति व प्राक्टर की गाड़ी क्षतिग्रस्त भी क्षतिग्रस्त हो गई। इससे नाराज लविवि शिक्षक संघ (लूटा) ने पुलिस व जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए काउंसिलिंग रुकवा दी और लविवि को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा कर दी। चार निलंबित, निष्कासित व उपद्रवी छात्र आशीष मिश्रा बाक्सर, आकाश लाला, विनय यादव व वीरेन्द्र यादव के साथ 20 अज्ञात छात्रों पर एफआइआर करवाई गई है। कुलपति ने सपा से जुड़े छात्रनेताओं पर बवाल करने का आरोप लगाया है।
लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह सुबह करीब 11.50 बजे अपने कार्यालय से यूजीसी हृयूमन रिसोर्स डवलपमेंट सेंटर की ओर जा रहे थे तभी उनकी कार के आगे छात्रनेता आकाश लाला कूद पड़ा। कुलपति की कार रुक गई तो उनसे एमए में दाखिले की मांग करने लगा। कुलपति कार से उतर गए और पैदल जाने लगे तो विनय यादव उन्हें रोकने लगा। इसके बाद गार्डों व पुलिस कर्मियों की मदद से वह सेंटर पहुंच गए। यहां से छह राज्यों से आए शिक्षकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित करके वह दोपहर करीब 1.15 बजे जैसे ही बाहर निकले,