मोदी सरकार ने स्वतंत्र भारत में नया इतिहास रचते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से जहां पाकिस्तान में बौखलाहट नजर आ रही है। वहीं अब पाकिस्तान में स्वायत्ता क्षेत्र की मांग उठने लगी है। एक अमेरिकी-आधारित समूह सोमवार को प्रवासी महाजिरों का प्रतिनिधित्व करते हुए पाकिस्तान के भीतर एक स्वायत्त ग्रेटर कराची के निर्माण का आह्वान किया।
वाइस ऑफ कराची नाम के समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे नेता नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान को कोई हक नहीं है कि वह कश्मीरियों के हक के लिए बोले। उसे ऐसा अधिकार तब तक नहीं है जब तक वह खुद अपने यहां मुहाजिर, बलूच, पश्तून और हजारा समुदाय के लोगों को उनके अधिकार नहीं देता। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास किसी भी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीरियों के मामले की पैरवी करने का कोई नैतिक आधार नहीं है, अगर वह अपने मूल मानवाधिकारों से अपने नागरिकों को वंचित कर रहा है।
नदीम नुसरत ने पूछा, ‘पाकिस्तान कश्मीर में एक जनमत संग्रह के अधिकार की मांग करता है, क्या वह अपने असंतुष्ट अल्पसंख्यकों को समान अधिकार देने के लिए तैयार है?’ उन्होंने आगे कहा कि दशकों से पाकिस्तानी मंत्री विदेशों में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ सार्वजनिक रूप से बैठकें करते रहे हैं। निर्वासित मोहजिर, बलूच और अन्य सताए हुए जातीय या धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों के साथ पाकिस्तान कैसे भारतीय मंत्रियों की बैठकों पर प्रतिक्रिया देगा?’
नुसरत ने दावा किया कि पाकिस्तान के पुनर्गठन की मांग में अपने प्रयासों को तेज करने के लिए जल्द ही एक वैश्विक अभियान शुरू किया जाएगा। द वॉइस ऑफ कराची के चेयरमैन ने कहा कि उनका संगठन ग्रेटर कराची के प्रस्तावित नक्शे को पहले ही प्रकाशित कर चुका है और जल्द ही पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले अपने प्रस्तावित का मुख्य लेख जारी करेगा।