सीएम सख्त : कहा— हर हफ्ते दिल्ली-जाने वालों की कोई जरूरत नहीं
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर फाइल किसी के पास तीन दिन से अधिक रुकी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। मेरा यह निर्देश मेरे और मुख्य सचिव के कार्यालय पर भी लागू होगा। सोमवार को यहां लोकभवन में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के पाइप पेयजल समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पौने दो साल बाद भी विभागीय औपचारिकताओं के पेच के कारण अब तक काम न शुरू होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वाकांक्षी और जनहित से जुड़ी परियोजना है। मैं इसके प्रगति की कई बार समीक्षा कर चुका हूं। बावजदू स्थित यह है कि फाइलों पर आपको बार-बार टिप्पणी लिखनी पड़ रही है। इसकी जगह आपस में बैठ जाएं तो कुछ मिनटों में समस्या हल हो जाएगी और काम में गति आ जाएगी। आपका काम भी गति देना है, बैरियर बनना नहीं।
अगर आपसी वार्ता में कोई दिक्कत है तो मुख्य सचिव या मेरे कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का हल निकाल सकते हैं। जरूरत हो तो मुझे भी बता सकते हैं। कोई भी योजना संबंधित विभाग मिलकर संपूर्णता में बनाएं। जितनी भी आपत्तियां हैं उनके निस्तारण एक साथ करें। हर काम की हर महीने के डेडलाइन तय कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराएं। बैठक में मौजूद मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय की भी सफाई मुख्यमंत्री ने नहीं सुनी, कहा कि हर बैठक के जो मिनट्स बनते हैं वह आपके पास भी जाते हैं। ऐसे में जवाबदेही तो आपकी भी बनती है। निर्देश दिया कि केंद्र से विभागों का बजट आ चुका है। माह भर पहले मैंने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक की थी। एक दो दिन में उनके साथ फिर बैठक करूंगा पूरी कार्ययोजना के साथ आना सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की मुझे कोई जरूरत नहीं। क्यों कि कुछ लोग शुक्रवार से मंगलवार तक दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद जाते हैं। अगर किसी का वहां और यहां आवास हो तो दिल्ली का आवास रद्द करें। सरकारी सुविधा एक ही जगह मिलती है। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठर अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की मुझे कोई जरूरत नहीं। क्यों कि कुछ लोग शुक्रवार से मंगलवार तक दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद जाते हैं। अगर किसी का वहां और यहां आवास हो तो दिल्ली का आवास रद्द करें। सरकारी सुविधा एक ही जगह मिलती है। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठर अधिकारी मौजूद थे।