नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को संघ के वरिष्ठ प्रचारक ओमप्रकाश के निधन पर दुख जताते हुए मन में वेदना की टीस उत्पन्न करने वाली घटना बताया। 95 वर्षीय ओमप्रकाश का आज सुबह लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया। संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने श्रद्धांजलि संदेश में कहा, स्वर्गीय ओमप्रकाश का देहावसान हम लोगों के लिए मन में वेदना की टीस उत्पन्न करने वाली घटना है। 1980 से समय-समय पर मैंने उनका कम अधिक सान्निध्य पाया। उनकी सरलता, करुणा शत्रु को भी निरवैर बनाने वाली स्वभाव की वृति किसी के भी मन को प्रभावित किये बिना नहीं छोड़ती।
उत्तर प्रदेश में संघकार्य का व्यापक विस्तारित रूप खड़ा करने में उनकी महती भूमिका रही है। गो संवर्धन और गोपालन गतिविधि के स्वरूप की बुनियाद जिस अथक परिश्रम व लगन के साथ उनके द्वारा रची गयी, उसकी तो कोई और सानी मिलना कठिन है। मैं उनकी पवित्र स्मृति में मेरी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं। उल्लेखनीय है कि ओमप्रकाश का जन्म हरियाणा के पलवल में 1927 में हुआ था। उनकी शिक्षा उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में हुई थी। यहीं वह संघ के संपर्क में आये और 1947 में पूर्णकालिक प्रचारक निकल गए। उनके प्रचारक जीवन की शुरूआत उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के अतरौली में तहसील प्रचारक से हुई। बाद में उन्हें पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रांत प्रचारक का दायित्व मिला। इसके बाद वे उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक और फिर संयुक्त क्षेत्र प्रचारक बने। वह संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भी रहे।