नई दिल्ली : जाने-माने पत्रकार और हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक पद्मश्री राम बहादुर राय को पत्रकारिता और हिन्दी भाषा की सेवा के लिए प्रतिष्ठित ‘हिन्दी रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया। गुरुवार को हिन्दी भवन की ओर से उन्हें यह सम्मान संस्था के अध्यक्ष पूर्व राज्यपाल त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी ने प्रदान किया। हिन्दी भवन के मंत्री गोविंद व्यास ने उन्हें एक लाख रुपये की सम्मान राशि और गुजरात के पूर्व राज्यपाल ओपी कोहली ने वाग्देवी की प्रतिमा भेंट की।
सम्मान ग्रहण करने के बाद रामबहादुर राय ने कहा कि आजादी के बाद हिन्दी और भारतीय भाषाओं को उनका उचित दर्जा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आज सत्ता में अंग्रेजी भाषा का दबदबा है, जबकि वहां हिन्दी और भारतीय भाषाएं विराजमान होनी चाहिए। अंग्रेजी विश्व भाषा है ही नहीं बल्कि यह तो केवल पांच देशों की है। उन्होंने कहा कि असल में यह सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की भाषा है। उन्होंने भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान मिले, इसके लिए देश में एक अभियान चलाने का आह्वान किया।
राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिला की प्राचीर से दिए जाने वाले भाषण में हिन्दी के मुद्दे को शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मोदी 15 अगस्त के भाषण में कहें कि मैं हिन्दी और भारतीय भाषाओं को उनका सम्मान दिलाने का निर्णय करता हूं। उन्होंने कहा कि हिन्दी आज यह विश्व में चौथे स्थान पर है। हमारे प्रयास करने पर हिन्दी 55 देशों की भाषा होकर विश्व भाषा बन सकती है। उन्होंने कहा कि 55 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा हिन्दी और भारतीय भाषाओं के अध्यापन की उचित व्यवस्था नहीं किए जाने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने मौजूदा सरकार से इस दिशा में उचित कदम उठाने की उम्मीद जताई।