SC सख्त : उन्नाव मामले के सभी केस दिल्ली ट्रांसफर

रोज होगी सुनवाई, पीड़ित को 25 लाख और घायल वकील को 20 लाख का मुआवजा देने का निर्देश
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली के ट्रायल कोर्ट हर रोज सुनवाई करेंगे और 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करना होगा। कोर्ट ने एक्सीडेंट मामले की जांच सीबीआई को 7 दिनों में पूरी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीएफ को निर्देश दिया कि वे पीड़ित के परिवार और वकील को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराएं। कोर्ट ने पीड़ित को 25 लाख रुपये और उसके वकील को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि ये राशि कल यानी दो अगस्त तक सौंप दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में इस बात की जांच का आदेश दिया कि उन्नाव रेप पीड़ित के परिवार की ओर से लिखे गए पत्र चीफ जस्टिस के पास पहुंचने में क्या कोई लापरवाही हुई है। कोर्ट ने जांच एक हफ्ते में पूरी करने का निर्देश दिया। जांच करने वाले जज का नाम चीफ जस्टिस नॉमिनेट करेंगे।

आज सुबह जब सुनवाई शुरु हुई तभी कोर्ट ने ये संकेत दे दिए थे कि वो सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करना चाहती है। चीफ जस्टिस ने सीबीआई के किसी जिम्मेदार अधिकारी को 12 बजे बुलाया, जो केसों की जांच की डिटेल बता सके। उसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता फिर कोर्ट आए और कहा कि उनकी अभी-अभी सीबीआई डायरेक्टर से बात हुई है। सीबीआई डायरेक्टर का कहना है कि केस की जांच लखनऊ में चल रही है, इसलिए रिकार्ड वहीं है, जैसे ही पहली फ्लाइट मिलेगी रिकार्ड दिल्ली लाया जाएगा। तब तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले पर कल सुनवाई की जाए लेकिन चीफ जस्टिस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि डायरेक्टर सीबीआई जांच अधिकारी से जांच की प्रगति रिपोर्ट पता कर कोर्ट को आज ही बताएं। उसके बाद दोपहर 12 बजे कोर्ट में सुनवाई दोबारा शुरु हुई। उस समय सीबीआई की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं।

सीबीआई ने बताया कि इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज हुए हैं, जो आरोपितों और पीड़ितों ने एक-दूसरे पर दर्ज कराए हैं। पीड़ित के खिलाफ अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज हुआ था। तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि पीड़ित के पिता की मौत कैसे हुई? तब सीबीआई ने कहा कि ये मामला झूठा था। अब इस मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि चार्जशीट कब दाखिल की गई। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि 11 जून, 2017 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। तीन केस में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, चौथे केस में अभी दाखिल की जानी है।

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