कोलकाता : दक्षिण 24 परगना के बारुइपुर जिला पुलिस अधीक्षक को मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर आप कानून-व्यवस्था नहीं संभाल सकते तो पद पर क्यों बने हुए हैं? न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि राज्य सरकार को बिना देरी किए इस अधिकारी का तबादला कर देना चाहिए। न्यायमूर्ति दीपंकर दत्त ने पुलिस अधीक्षक को एक सप्ताह का समय देकर साफ किया कि पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था के मामले में क्या फैसला लेंगे, इसकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपे। भांगड़ के पोलेरहाट दो नंबर पंचायत मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उक्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी कानून व्यवस्था को नियंत्रित नहीं कर सकते उन्हें पद पर बने रहने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य सरकार को सलाह है कि ऐसे एसपी का तबादला किया जाए।
दरअसल 2018 के मई महीने में ही पंचायत चुनाव हुए थे लेकिन एक साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी आज तक पोलेरहाट दो नंबर ग्राम पंचायत में बोर्ड गठित नहीं हो सका है। तृणमूल कांग्रेस बोर्ड गठन करने के लिए तैयार है लेकिन स्थानीय वामपंथी संगठन जमीन जीविका वास्तु तंत्र और परिवेश रक्षा कमेटी ने इसकी खिलाफत जारी रखी है। इसके कारण बार-बार टकराव की परिस्थिति बन रही है और आज तक बोर्ड गठित नहीं हो सका है। चूंकि ग्राम पंचायत में बोर्ड गठन नहीं हुआ है इसलिए लोगों को आवश्यक सेवाएं भी नहीं मिल रही हैं। इससे लोग मुश्किल में पड़े हुए हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया था जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति ने जिला पुलिस अधीक्षक को एक सप्ताह का समय देकर क्षेत्र में कानून व्यवस्था की परिस्थिति से संबंधित रिपोर्ट तलब की है।