3 हजार बाघों के साथ भारत दुनिया के सुरक्षित स्थानों में से एक : मोदी

विश्व बाघ दिवस पर मोदी ने जारी किया बाघ आकलन-2018 का परिणाम

नई दिल्ली : विश्व बाघ दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को अखिल भारतीय बाघ आकलन-2018 के चौथे चक्र का परिणाम जारी किया। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में बाघों की आबादी 2014 के 1400 से बढ़कर 2019 में 2967 हो गई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नौ साल पहले सेंट पीटर्सबर्ग में वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत करीब तीन हजार बाघों के साथ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है। उन्होंने इसे भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और बाघ की रक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को फिर से जाहिर करते हैं। पीएम मोदी ने गति और समर्पण की सराहना की, जिसके साथ विभिन्न हितधारकों ने इसे हासिल करने के लिए काम किया। उन्होंने इसे संकल्प से सिद्धि के बेहतरीन उदाहरणों में से एक बताया। मोदी ने कहा कि एक बार जब भारत के लोग कुछ करने की ठान लेते हैं, तो कोई ताकत नहीं है जो उन्हें वांछित परिणाम प्राप्त करने से रोक सके।

केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले पांच सालों में देश का वन क्षेत्र काफी बढ़ा है। पिछले पांच सालों में 2014 से 2019 तक लगभग 15 हजार वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा वन क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश के पास भूमि और जल कम है लेकिन जनसंख्या अधिक होने से मांग अधिक है। फिर भी यदि हमारा जंगल बढ़ रहा है तो हम सतत विकास के रास्ते पर चल रहे हैं। माना जाता है कि बाघ आकलन अभ्‍यास कवरेज, नमूने की गहनता और कैमरा ट्रैपिंग की मात्रा के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा वन्य जीव सर्वेक्षण प्रयास है। भारत प्रत्‍येक चार वर्ष में अखिल भारतीय बाघ आकलन करता है। आकलन के तीन चक्र 2006, 2010 और 2014 में पहले ही पूरे हो चुके हैं।

 

 

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