किशोरों व युवाओं में वैश्विक दृष्टिकोण का विकास जरूरी – डा.डीपी श्रीवास्तव (ईरान में भारत के पूर्व राजदूत)

मॉडल यूनाइटेड नेशन्स (एमयूएन) कान्फ्रेन्स सीएमएस में प्रारम्भ

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के तत्वावधान में दो-दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशन्स (एम.यू.एन.) कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डा. डी. पी. श्रीवास्तव, ईरान व लीबिया में भारत के पूर्व राजदूत, ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी एवं सी.एम.एस. के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी समेत शिक्षा, साहित्य एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों की अनेक गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित थी। विदित हो कि दो दिवसीय माडल यूनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स का आयोजन शैक्षिक संस्था एजूसिस के सहयोग से 27 व 28 जुलाई को सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों व विद्यालयों के लगभग 600 छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि डा. डी. पी. श्रीवास्तव ने कहा कि किशोरों व युवाओं को सामयिक घटनाओं, अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों एवं कूटनीतिक जानकारियाँ प्रदान कर उनके दृष्टिकोण को वैश्विक एवं व्यापक बनाना वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता है और यह सम्मेलन इसी उद्देश्य को पूरा करता है। सी.एम.एस. बधाई का पात्र है जिसने छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु इस सामयिक सम्मेलन को आयोजित किया है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत सहायक होते हैं।

सम्मेलन में पधारे छात्रों व अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने कहा कि आज विश्व अनेक कठिनाइयों जैसे आतंकवाद, पर्यावरण, ग्लोबल वार्मिंग तथा युद्ध जैसी स्थितियों से जूझ रहा है। आज के बच्चे कल का भविष्य हैं अतः उन्हें इसकी जानकारी देना आवश्यक है। सी.एम.एस. के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह अत्यन्त ही अभिनव कार्यक्रम है, जिसके द्वारा बच्चे वैश्विक समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं एवं इनके समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। एम.यू.एन. सम्मेलन की संयोजिका एवं सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) प्रधानाचार्या आभा अनन्त ने इस अवसर पर कहा कि विश्व की भौगोलिक-राजनीतिक संरचना बदल रही है। ऐसे में पर्यावरण, अशिक्षा, गरीबी, मानवाधिकार आदि जटिल मुद्दों पर भावी पीढ़ी को जागरूक करना समय की आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि यह सम्मेलन एकता, शान्ति व सौहार्द से परिपूर्ण विश्व व्यवस्था हेतु भावी पीढ़ी को प्रेरित करने में सफल साबित होगा।

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