नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं से निपटने के लिए कानून बनाने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग का सर्वाधिक शिकार हिन्दू समाज ही हुआ है और यह रुकना चाहिए। ‘हिंदू विश्व’ नामक पाक्षिक पत्रिका के विशेषांक ‘मॉब लिंचिंग एक षड्यंत्र’ के विमोचन कार्यक्रम को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि वे कौन लोग हैं जो याकूब मेमन और अजमल कसाब सहित आतंकियों की पैरवी कर न्यायपालिका पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। सेना प्रमुख को गली का गुंडा कहते हैं, हिंदुओं को बदनाम करने और अपने पापों को छुपाने के लिए हिंदू समाज और भारत विरोधी हिंसक प्रदर्शन करते हैं। बच्चों से भरी बस को आग लगाकर गोधरा कांड दोहराने की कोशिश करते हैं तथा देश की राजधानी में ही हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पत्रकार दीपक चौरसिया ने कहा कि 1400 वर्षों के इतिहास वाले लोगों का संरक्षण करने व दुनिया की सनातन परंपरा को बदनाम करने के लिए एक तरह से इंडस्ट्री चलाई जा रही है।
ऐसा लगता है कि यह काम हिंदू की बढ़ती हुई ताकत के डर से सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले हिंदू स्वयं को हिंदू कहने में भी डर रहे हैं तथा जय श्रीराम जैसे पवित्र उद्घोष को भी लांछित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि भारत की परंपरा लिंचिंग की हो ही नहीं सकती वरना दुनिया को पता है कि गुरु गोविंद सिंह महाराज के तीनों बच्चों को दीवार में क्यों चुना गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए सतत प्रयास हुए लेकिन 90 के दशक में प्रारंभ हुए श्री राम जन्मभूमि आंदोलन और जय श्री राम के पवित्र उद्घोष ने जनमानस के अंदर दबे हुए हिंदुत्व को पुन: खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कितने ही कुचक्र रचे जाएं भारत भारत ही रहेगा और विहिप-बजरंग दल कार्यकर्ता हिंदू धर्म, संस्कृति व देश की रक्षा के लिए पूर्व की भांति सदैव अग्रसर रहेंगे।