छत्तीसगढ़ में विकास की व्यापक संभावनाएं : बघेल

15वें वित्त आयोग की बैठक में बोले सीएम

रायपुर : 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह और छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में गुरुवार को अटल नगर, नवा रायपुर, मंत्रालय में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री परिषद के सदस्यों, वित्त आयोग के सदस्यों तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में है विकास की व्यापक संभावनाएं हैं जिसके लिए आयोग से सहयोग अपेक्षित है | छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोग को राज्य-विशेष अनुदानों के लिए एक लाख 76 हजार 2 सौ 15 करोड़ रूपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने बैठक में छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों के साथ यहां की नक्सल एवं वन क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श के दौरान प्राप्त प्रस्तावों एवं सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही है।

बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में विकास की व्यापक संभावनाओं के साथ कई बड़ी चुनौतियां हैं। संभावनाओं का दोहन और चुनौतियों का सामना करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य को विकास का लंबा सफर तय करना है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए किये गए महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यक्रमों और कार्यो की जानकारी दी और आयोग कोे छत्तीसगढ़ के विकास और यहां के नागरिकों के हित में कार्य करने की दृष्टि से अनेक प्रस्ताव दिए| साथ ही आयोग से इस संबंध में सहयोग देने का आग्रह भी किया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कुपोषण के लिए वित्त आयोग से विशेष रूप से मदद का अनुरोध किया। बैठक में राज्य के मानव विकास सूचकांक, पर्यावरण सरंक्षण, वामपंथी उग्रवाद, क्षेत्रीय असंतुलन, वन क्षेत्रों में विकास और यहां की चुनौतियों और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी और पॉवरपाइंट प्रदर्शन के माध्यम से भी जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के 27 जिलों में से 14 जिले उग्र वामपंथ से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ विकास योजनाओं एवं अधोसंरचना निर्माण की लागत अधिक होती है तथा समय सीमा में वृद्धि हो जाती है। खनिज उत्खनन की औद्योगिक परियोजनाओं से जनजातीय क्षेत्रों में विस्थापन एवं विकास में उनकी समुचित भागीदारी न होने का भी खतरा है। राज्य सरकार इसके लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन की व्यवस्था करने सहित संतुलित औद्योगिक विकास की हिमायती है। भारत सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी का प्रयास है। धान की खेती को लाभदायक बनाने दो बड़े फैसले लिए गए हैं। धान के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त प्रति क्विंटल 750 रूपये की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। वर्ष 2018-19 में राज्य सरकार को 6 हजार 21 करोड़ की अतिरिक्त राशि का व्यय भार उठाना पड़ा है। राज्य के लगभग 17 लाख 50 हजार किसानों का ऋण माफ किया गया है। इससे लगभग 9 हजार करोड़ का अतिरिक्त व्यय भार आया है।

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