देश के पीएम नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा शौचालयों निर्माण पर जोर दे रहे हैं, लेकिन शिवपुरी जिले में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत बनाए जाने वाले शौचालयों को उपयोग लोग अपने-अपने ढंग से कर रहे हैं. शिवपुरी जिले के करैरा के सिलानगर पोखर आंगनबाड़ी केंद्र पर बनाए गए शौचालय का निर्माण यहां पर रसोई के रूप में किया जा रहा है.
बच्चों के लिए बनता है मिड डे बिल
शौचालय को रसोई बनाने का मामला अजीब जरूर लगता है लेकिन करैरा के आंगनबाड़ी केंद्र में शौचलय बनाकर इसका रोज उपयोग बच्चों को मिड डे मील बनाने में हो रहा है. करैरा के सिलानगर पोखर का आंगनबाड़ी केंद्र में यहां छोटे-छोटे मासूम बच्चे बड़े मजे से मिड डे मील का स्वाद चख रहे हैं, लेकिन इन्हें नहीं मालूम कि जिस जगह ये भोजन बना है वो कभी शौचालय था. जब यह मामला सामने आया था अब आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता राजकुमारी योगी ने कहा कि यह बात सही है कि यहां पर शौचालय के एक हिस्से में खाना बनता है लेकिन वह समूह से कई बार कह चुकी हैं कि वह खाना अन्य जगह पर बनाए.
सरकारी राशि से बने शौचालयों का मनमाना उपयोग
आंगनबाड़ी केंद्र पर चल रही इस मनमानी को लेकर जब महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ प्रियंका बुनकर से बात की गई तो वह बचाव में आई और बोली कि वहां पर जो शौचालय बना है वह आधा-अधूरा है और वहां पर पानी की कमी के चलते उसका उपयोग शौचालय के रूप में नहीं हुआ है. कुल मिलाकर अब सब बचाव में आ गए हैं और मामले में लीपापोती की जा रही है.
शौचालयों के स्थान पर किराने की दुकान
ऐसे ही दो मामले बदरवास में भी सामने आए थे जब वहां पर कुछ लोगों के घरों पर बनाए गए शौचालयों में किराने की दुकान और रसोई बना ली गई थी. क्योंकि गांव में पानी की कमी के चलते शौचालय तो सरकारी मदद से बना लिए गए लेकिन उसका उपयोग शौच के लिए नहीं किया गया.
क्या कहते हैं अधिकारी
जब आंगनबाड़ी केंद्र के शौचालय में रसोई चलाने का मामला सामने आया तो हमने यहां से इसे हटवा दिया है. शौचालय पूरा बना नहीं था इसलिए इस भवन में समूह के द्वारा खाना बनाया जा रहा था. समूह की संचालिका और आंगनाबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस भी दिया है. खाना बनाने के लिए दूसरे स्थान की व्यवस्था भी की है.
शौचालय के अंदर खाना बनाने में दिक्कत नहीं: मंत्री
इस मामले में मंत्री इमरती देवी का एक बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शौचालय के अंदर खाना बनाने से कोई समस्या नहीं है. अगर टॉयलेट शीट और स्टोव के बीच विभाजन हो. उन्होंने यह भी कहा कि आजकल घरों में भी अटैच लेटरिन-बाथरूम होते हैं. अगर आपके घर आने वाले रिश्तेदार खाना खाने से इनकार कर दें, क्योंकि आपके यहां अटैच लेटरिन-बाथरूम हैं. उस स्कूल में टॉयलेट शीट बजरी से भरा हुआ है. इस बारे में जांच भी शुरू कर दी गई है.