डीएम ने जब सुनाई कजरी, बज उठी तालियां
मीरजापुर : कजरी हमारी धरोहर है। इस कलारूपी विरासत को संभालने वाला महान होता है। यह कार्य जागरूक भावी पीढ़ी और सजग अभिभावक की बदौलत ही पूरी की जा सकती है। यह विचार जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने लायंस स्कूल के बिड़ला सभागार में व्यक्त किया। वे उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज की ओर से आयोजित 15 दिवसीय कजरी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह में रविवार को बोल रहे थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनोहारी प्रस्तुति की गई। मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने मीरजापुर कई ल गुलजार हो, कचौड़ी गली सून कईल बलमू…कजली गाकर लोगों को तालियां बजाने को विवश कर दिया। मीरजापुर की माटी की खुशबू से भीनी कजरी राधे संग झूले नंदलाल हो, पड़ेला झिर-झिर बुंदिया…की शानदार प्रस्तुति कर छात्राओं ने लोगों को मोहित कर लिया।
युवा गायक कलाकारों ने हमरे मीरजापुर में अलमस्ती क चाल बा, बड़ा बेमिशाल बा ना… मोहक अंदाज में प्रस्तुत कर जिले के अक्खड़पन का चित्रण किया। कजरी की धुन धुनमुनिया को लेकर रंग-बिरंगे परिधानों में सजी छात्राओं की टोली मंच पर आई तो प्राचीन विधा की याद ताजा हो उठी। पनिया भरन गईंली बाबा के सगरवा, उड़न लागे ना हो उड़न लागे ना… कजरी श्रोताओं को विभोर कर गई। सांस्कृतिक केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र कुमार ने कहा कि बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को उनका गुरु ही पहचान सकता है। उन्होंने शिविर के सफल संचालन के लिए प्रशिक्षण प्रमुख कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव के लगन और प्रयास को सराहा। वहीं विशिष्ट अतिथि विश्वनाथ अग्रवाल ने अपने संस्कारों के प्रति जागरूकता और उसके संवर्धन में लगी अजीता श्रीवास्तव के प्रयास को सराहा। कजली गायिका अजिता श्रीवास्तव ने अतिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र तिवारी व डॉ. शीला सिंह ने किया।