डिफेन्स एक्सपो में जुटेंगी देश-विदेश की कम्पनियां
लखनऊ : राजधानी लखनऊ में अगले वर्ष देश का सबसे बड़ा हथियारों का मेला लगने जा रहा है। इस तीन दिवसीय 11वें डिफेंस एक्सपो की शुरुआत 5 फरवरी से होगी। इसकी थीम द इंडिया: द इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब यानी ‘भारत: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र’ रखी गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमताओं को दिखाने और निर्यात की संभावना तलाशने के लिए बड़ा मौका साबित होगा। लखनऊ से सांसद एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ट्वीट किया कि हम डिफेंस एक्सपो में दुनिया भर के रक्षा उद्योगों, प्रदर्शनी लगाने वालों, मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हैं। भारत रक्षा क्षेत्र के उत्पादों के निर्माण में एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह मौका न केवल हमारे सैनिकों बल्कि हमारे रक्षा उत्पादों के दुनिया भर में निर्यात के लिए सह निर्माण व सह उत्पादन के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मजबूत रक्षा औद्योगिक आधारभूत ढांचा है। राजधानी लखनऊ सहित कानपुर, कोरवा और नैनी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की चार यूनिट हैं। इसके साथ ही नौ ऑर्डिनेंस फैक्टरी यूनिट हैं। इसमें कानपुर, कोरवा, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड की एक इकाई शामिल हैं। इसके अलावा राज्य में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही डिफेंस कॉरिडोर पर काम चल रहा है। विभिन्न कंपनियां रक्षा आयुध और उपकरण के लिए इसी कॉरिडोर पर यूनिट लगाएंगी। इस लिहाज से ये बेहद महत्वपूर्ण होगा।
डिफेंस एक्सपो में लखनऊ में दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों की नुमाइश की जाएगी। इसमें रक्षा उद्योगों से जुड़ी दुनिया की नामचीन कम्पनियां भाग लेंगी और अपने हथियारों की प्रदर्शनी लगायेंगी। डिफेंस एक्सपो भारत की कई रक्षा प्रणालियों और इसके उपकरणों के निर्माण जिसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए निर्माण और निर्यात की क्षमता को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इस दौरान सरकार के स्तर पर कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
राज्य के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के मुताबिक यह रक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने वाली यह देश की सबसे बेहतरीन नीति है। इसकी बदौलत अगले पांच साल में प्रदेश में पचास हजार करोड़ रुपये का निवेश और ढाई लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। इसके साथ ही इससे डिफेंस कॉरिडोर के लिए निवेशक आकर्षित होंगे। प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का मुख्य केन्द्र बिन्दु बुन्देलखण्ड है। यह अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ से होकर गुजरेगा। प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक डिफेंस कॉरिडोर में भूमि खरीदने पर चालू सर्किल रेट अथवा खरीद मूल्य में से जो भी कम हो, की लागत के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।