हालिया दिनों में पाकिस्तान ने कुछ ऐसे कदम उठाए या फिर उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ऐसे दबाव बने, जो ये संकेत देते हैं कि उसकी आगे की राह कुछ बदली हुई होगी। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होगा? पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के मामले में भारत की ज्यादातर मांगों को स्वीकार करना, अपने हवाई क्षेत्र को भारत के लिए पुन: खोलना और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को गिरफ्तार करना, कुछ ऐसे कदम हैं जो सकारात्मक माने जा सकते हैं। लेकिन क्या इनके आधार पर मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान का हृदय परिवर्तन हो रहा है? नहीं, बल्कि ऐसा लगता है कि उसके ये कदम उस पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबावों और उसकी आर्थिक बदहाली को दूर करने की जरूरत का परिणाम हैं।