उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह के हाथों में सौंपे जाने के साथ ही अब योगी मंत्रिमंडल में भी जल्द फेरबदल की संभावना बढ़ गई है। सांसद बनने के बाद तीन मंत्रियों के इस्तीफे हुए हैं, जबकि एक मंत्री की बर्खास्तगी पहले ही हो चुकी है। एक और मंत्री को संगठन का दायित्व दिये जाने के बाद अब नए दावेदार अपने लिए संभावना तलाशने लगे हैं।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन और सरकार से जुड़े कई बिंदुओं पर मंथन किया। इस मंथन के अगले दिन ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन हो जाने के बाद अब मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना बढ़ी है।
सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी के बाद लोकसभा चुनाव जीतने वाली रीता बहुगुणा जोशी, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इन चार मंत्रियों के खाली हुए पद दूसरे सहयोगियों को सौंपे गए हैैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए दायित्व का नए सिरे से निर्धारण होगा।
मुख्यमंत्री समेत इस समय मंत्रिमंडल में 43 सदस्य हैं, जबकि प्रदेश में साठ का कोटा है। विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से सरकार जातीय समीकरण साधने के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन भी बनाएगी। इसमें काशी, गोरखपुर, ब्रज, अवध, कानपुर-बुंदेलखंड और पश्चिम क्षेत्र से एक-एक मंत्री बनाये जा सकते हैं। इसके अलावा संगठन के कुछ अति महत्वपूर्ण चेहरों को भी मौका मिल सकता है। खराब परफार्मेंस करने वाले कुछ मंत्री हटाये भी जा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक कई मंत्रियों की शिकायत विधायकों और सांसदों के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों ने भी पहुंचाई है।