50 साल बाद फिर लांच पैड पर मिलेंगे चांद के मुसाफिर

फ्लोरिडा : पचास साल पहले अपोलो 11 यान में सवार होकर तीन अमेरिकी एस्ट्रोनॉट यहां से चांद के लिए रवाना हुए थे। इनमें चंद्रमा पर सबसे पहले कदम रखने वाले नील आमर्स्ट्रांग का साल 2012 में निधन हो चुका है, लेकिन शेष बचे दो एस्ट्रॉनॉट मंगलवार को उसी लांच पैड पर मिलेंगे जहां से उड़े थे। विदित हो कि नासा अपोलो मिशन की पचासवीं वर्षगांठ मना रहा है और इस मौके पर सप्ताह भर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वर्षगांठ के उद्घाटन मौके पर 89 वर्षीय बज एल्ड्रिन और कालिन (88) मंगलवार को केप केनेडी अंतरिक्ष केंद्र के लांच पैड संख्या 39ए पर सुबह 9:32 बजे थोड़ी देर के लिए मिलेंगे।

विदित हो कि 20 जुलाई, 1969 को नासा का लुनार मॉड्यूल ईगल चांद पर उतरा था। उतरने के कुछ घंटों के बाद नील आर्मस्ट्रांग बाहर निकले थे, जबकि कॉलिन कमांड मॉड्यूल कोलंबिया में थे और चांद की कक्षा में ही रहे। कोलंबिया पृथ्वी पर वापस आने का एक मात्र साधन था जिसमें लैंडिंग गियर नहीं था। अगर ईगल में खराबी आ जाती तो वे उन्हें बचा नहीं सकते थे। अपोलो को चांद पर पहुंचने में चार दिन लगे थे। कॉलिन ने न्यूयॉर्क में संवाददताओं से कहा, ‘वे जानते थे, मैं जानता था, अगर वे किसी कारणवश चांद से रवाना नहीं हो सकते, तो मैं कुछ नहीं कर सकता था।‘

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