– 03 बार विश्व कप के अंतिम-16 में डेनमार्क की टीम खेली है। वह 1986, 2002 और 2018 के सत्र में यहां तक पहुंची थी।
– 1998 के विश्व कप में डेनमार्क क्वार्टर फाइनल खेलने में सफल रही। यह उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
– 02 बार ही क्रोएशियाई टीम विश्व कप के अंतिम-16 से आगे बढ़ पाई है। क्रोएशिया 1998 के सत्र में सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
क्रोएशिया ने फीफा विश्व कप के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में डेनमार्क को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। निर्धारित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबर रही। अब उसका क्वार्टर फाइनल में सामना मेजबान रूस से होगा। इससे पहले क्रोएशिया की टीम 1998 के विश्व कप में सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
डेनमार्क के मथायस जोर्गेनसन ने पहले ही मिनट में गोल करते हुए टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। यह डेनमार्क के लिए विश्व कप में किया गया सबसे तेज गोल है। हालांकि यह बढ़त ज्यादा देर नहीं रही।
तीन मिनट बाद ही मारियो मेंडजुकिच ने गोल कर क्रोएशिया को 1-1 की बराबरी दिला दी। इसके बाद निर्धारित 90 मिनटों में दोनों ही टीमें गोल नहीं कर सकीं। अतिरिक्त आधे घंटे में 115वें मिनट में मथायस जोर्गेनसन ने क्रोएशियाई खिलाड़ी को बॉक्स में गलत तरीके से टैकर कर गिराया, जिससे रेफरी ने क्रोएशिया को पेनल्टी दी। कप्तान लूका मोर्डिक इसका फायदा उठाने में सफल नहीं रहे और पेनल्टी चूक गए। जिसके बाद मैच पेनाल्टी शूटआउट में पहुंच गया।
अतिरिक्त समय का खेल –
निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहा। मैच का नतीजा हाथ नहीं लग आया। इसके बाद अतिरिक्त समय में डेनमार्क के पास कॉर्नर मिले, लेकिन गोल यहां भी नहीं हुए। लेकिन, 114पें मिनट में मोड्रिक ने रेबक को गेंद पास दी लेकिन गोलकीपर बाहर आ गए और योर्गेसन रेबिक को टैकल कर बैठे जिसके कारण क्रोएशिया को पेनाल्टी मिल गई। मैच जीतने का सुनहरा अवसर क्रोएशिया को मिला और मोड्रिक ने पेनाल्टी किक मारी लेकिन गोलकीपर डेनियल सुबासिक ने बायें ओर छलांग लगाकर अपनी टीम को हारने से बचा लिया। मोड्रिक से पहले अहम मौकों पर लियोन मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे दिग्गज भी पेनाल्टी को गंवा बैठे थे।
पेनाल्टी शूटआउट का सहारा –
अतिरिक्त समय में नतीजा नहीं आने के बाद पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया। डेनमार्क के क्रिस्टियन एरिक्सन ने पेनाल्टी पर आए, लेकिन गोलकीपर ने उनके शॉट को सुबासिक ने खराब कर दिया। इसके बाद क्रोएशिया के मिलान बेडलिज आए, लेकिन वह भी गोल नहीं कर पाए। इसके बाद डेनमार्क के सिमोन ने गोल किया तो क्रोएशिया के आंद्रेज करामिक ने स्कोर बराबर कर दिया। फिर मिशेल क्रोहन ने डेनमार्क को आगे कर दिया, लेकिन कप्तान मोड्रिक ने फिर स्कोर को बराबर कर दिया। इसके बाद एक-एक शॉट डेनमार्क और क्रोएशिया ने खराब कर दिया। लेकिन, डेनमार्क के निकोली की पेनाल्टी को खराब करके क्रोएशिया को मैच जीतने का आखिरी मौका दे दिया। इसके बाद इवान रेकेटिक ने गोलकीपर की गलती का फायदा उठाकर गेंद को गोल पोस्ट के दायीं ओर डालकर टीम को जीत दिलाई।
पहले मिनट में पहला गोल –
मैच की शुरुआत डेनमार्क के लिए बेहतरीन रही और पहले मिनट में टीम गोल करने में सफल हुई। डेलनी ने गेंद को डी के अंदर फेंकी और वहां योर्गेसन ने बायें पैर से गेंद को हिट किया और गेंद गोलकीपर से टकराकर जाली में जा घुसी। इसके साथ ही डेनमार्क ने पहली बार विश्व कप में सबसे तेज गोल किया। इससे पहले डेनमार्क की टीम ने 1998 में ब्राजील के खिलाफ दूसरे मिनट में गोल दागा था।
हालांकि, क्रोएशियाई टीम ने डेनमार्क को ज्यादा देर तक जश्न मनाने का मौका नहीं दिया और चौथे मिनट में पलटवार करके मैच में वापसी की। मारियो ने डी के अंदर बॉक्स के दायीं ओर गेंद को चालाकी से पोस्ट में पहुंचाकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इस टूर्नामेंट के इतिहास में दोनों टीमों ने सबसे जल्दी एक-एक गोल किए। इसके बाद दोनों टीमों गोल करने की कोशिश करती रही, लेकिन बढ़त कोई नहीं ले पाया। डेनमार्क की टीम दूसरे हाफ में थोड़ी आक्रामक होकर खेली और लेकिन उसकी टीम के खिलाड़ियों के शॉट निशाने पर नहीं लगे।
90वें मिनट में डेनमार्क के पास फिर से बढ़त लेने का मौका आया लेकिन खराब रणनीति उन पर भारी पड़ गई। इस हाफ में दोनों टीमें मैदान के अंदर और बाहर खिलाड़ियों को भेजती रही। दोनों टीमों ने दो-दो खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेजकर उनकी जगह स्थानापन्न खिलाड़ियों को अंदर भेजा। लेकिन 90वें मिनट तक स्कोर 1-1 से बराबर ही रहा।