भाजपा को सता रहा ‘रिवर्स ऑपरेशन’ भय का
बेंगलुरु : जेडीएस और कांग्रेस विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के लिए विधायकों को मनाने में व्यस्त दिखे जबकि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘रिवर्स ऑपरेशन’ का खतरा मंडराता दिखा। होसकोटे कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज, जिन्होंने चिक्कबल्लापुर कांग्रेस विधायक डॉ. के सुधाकर के साथ कुछ दिन पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था, ने अपना इस्तीफा वापस लेने का संकल्प कर आज यू-टर्न ले लिया। उनका हृदय परिवर्तन छह घंटे से अधिक समय के बाद तब हुआ, जब मंत्री डीके शिवकुमार, डॉ.जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनकी मान मनौव्वल की। उन्हें फोन पर बात कर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी मना लिया था। यह ऐसी शुरुआत है, जो पार्टी को पटरी पर वापस लाने में फलदायी होगी।
हालांकि, चिक्कबल्लापुर के कांग्रेस विधायक डॉ. के.सुधाकर सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मायावी बने हुए हैं। कहा जाता है कि वे अन्य 9 असंतुष्ट विधायकों के शिविर में शामिल होने के लिए मुंबई जा रहे हैं। उधर, दिलचस्प तरीके से पांच विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया और स्पीकर से उनके इस्तीफ़ों को स्वीकार करने के लिए निर्देश की बात रखी। इनमें कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज, आर रोशन बेग, डॉ के सुधाकर, मुनिरत्ना और आनंदसिंह शामिल हैं। सात बार के कांग्रेस विधायक और वर्तमान में शहर के बीटीएम लेआउट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले आर रामलिंगारेड्डी ने अभी तक अपने रुख को सार्वजनिक नहीं किया है। शहर के जयनगर क्षेत्र कांग्रेस विधायक सुश्री सौम्या रेड्डी जो रामलिंगारेड्डी की बेटी हैं, भी पार्टी के नेताओं के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुकी हैं। यद्यपि उन्होंने विश्वासमत के दौरान अपनी भूमिका के बारे में कोई घोषणा नहीं की है लेकिन प्रतीत होता है कि पिता और पुत्री दोनों सत्ताधारी दलों के साथ जा सकते हैं।
इस बीच, मुंबई में सभी असंतुष्ट विधायकों का आज का दिन व्यस्त था और उन्होंने पवित्र शिरडी साईं बाबा के दर्शन किए। हालांकि, उन्होंने अजंता और एलोरा गुफा मंदिरों के प्रस्तावित दौरे में कटौती की और मुंबई लौट आए। दूसरी ओर, शीर्ष अदालत में असंतुष्ट विधायकों का बचाव करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने एक लिखित सूचना में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की आशंका जताई है। इस बीच, विपक्ष के नेता और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को ही सदन में विश्वासमत कराने की मांग की और गठबंधन सरकार के हारने का भरोसा जताया। उन्होंने भाजपा के किसी भी विधायक के सत्तारूढ़ गठबंधन के ‘रिवर्स ऑपरेशन’ की रणनीति का शिकार होने से इनकार किया है।