कोलकाता : राज्यभर में विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के एवज में ली जाने वाली रिश्वत यानी कट मनी को लेकर ममता सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। विधानसभा में गुरुवार को संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने स्पष्ट किया कि कट मनी मामले में राज्य सरकार मानती है कि जिसने रिश्वत दी वह भी अपराधी है। उसे भी जेल भेजा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार नया कानून बनाएगी। पार्थ चटर्जी के इस बयान पर विपक्ष में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विपक्ष का कहना है कि अपने भ्रष्ट नेताओं को बचाने और कट मनी की खिलाफत करने वालों को चुप कराने के लिए ममता सरकार ने धमकी देने की शुरुआत की है।
दरअसल 10 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में एक ग्रीवांस सेल का गठन किया था। इसमें राज्यभर के उन भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए मुख्यमंत्री ने टोल-फ्री नंबर जारी किया था जिन्होंने किसी भी सरकारी परियोजना का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के एवज में कट मनी ली है। हालांकि इस मामले में रोज हजारों शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन किसी के खिलाफ राज्य सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उल्टे भाजपा की ओर से दावा किया जाता रहा है कि राज्यभर में जो लोग तृणमूल नेताओं के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं उन्हीं को जेल में डाला जा रहा है। अब गुरुवार को विधानसभा में पार्थ के इस बयान ने भाजपा के दावे पर कहीं न कहीं मोहर लगा दी है। कट मनी को लेकर विधानसभा में हुए हंगामे पर पार्थ चटर्जी ने कहा कि रिश्वत से संबंधित शिकायत के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रीवांस सेल का गठन किया है। जिन्होंने रिश्वत ली और जिन्होंने दी वे दोनों अपराधी हैं। कानून के अनुसार इस पर कार्रवाई होगी।