सीएम गहलोत ने पेश किया बजट, सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश
जयपुर : पिछले साल 17 दिसम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अशोक गहलोत ने बतौर वित्तमंत्री राज्य विधानसभा में बुधवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए दो लाख 32 हजार 944 करोड़ एक लाख रुपये का पूर्ण बजट पेश किया। इसमें 27 हजार 14 करोड़ 97 लाख का राजस्व घाटा और 32 हजार 678 करोड़ 34 लाख का राजकोषीय घाटा दिखाया गया है। बजट में महिला, युवा, किसान समेत सभी को खुश करने की कोशिश की गयी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं, जिसमें एक हजार करोड़ के कृषक कल्याण कोष की घोषणा सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इस वर्ष बेरोजगार युवाओं के लिए 75 हजार पदों पर नई भर्तियों की घोषणा की गई है। प्रशिक्षित एक लाख युवाओं को एक लाख रुपये तक कर ऋण भी दिए जाने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार की तर्ज पर राज्य के मोहल्लों और गलियों में जनता क्लिनिक भी खोले जाएंगे। महिला सशक्तीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री ने एक हजार करोड़ रुपये के प्रियदर्शनी इंदिया गांधी महिला शक्ति निधि की स्थापना के साथ युवतियों की शादी में सहायता के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 21 हजार रुपये देने की भी घोषणा की। इस लोकलुभावन बजट में 301 करोड़ रुपये की कर छूट के साथ कोई भी नया कर नहीं लगाकर जनता को राहत देने की कोशिश की गयी है। हालांकि महंगी मोटरसाइकिल और चार पहिया के गैर परिवहन वाहन महंगे हुए हैं। एलपीजी-सीएनजी वाहनों में कर की छूट दी गई है।
किसानों को प्राथमिकता वाले इस बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात की गई है। मुख्यमंत्री ने किसानों के उत्थान के लिए ईज आफ डूईंग बिजनस की तर्ज पर ईज आफ डूईंग फार्मिंग की ओर पहला कदम बढ़ाते हुए एक हजार करोड़ के कृषक कल्याण कोष बनाने, प्राकृतिक खाद-बीज तैयार करने और एक लाख मीट्रिक टन डीएपी, दो लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने केन्द्रीय सहकारी बैंकों से 16 हजार करोड़ के अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है, वही ब्याज मुक्त ऋण योजना यथावत रखते हुए इसके लिए सहकारी बैंकों को डेढ़ सौ करोड़ की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा पांच वर्षों में 1478 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रत्येक पंचायत समिति पर नंदी शालाओं की स्थापना की भी बजट में घोषणा की गई है।
उन्होंने कहा कि युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्याओं को दूर करना कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता है, जिसके चलते विभिन्न विभागों के 75 हजार पदों पर इस वर्ष भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कक्षा 6 से 12 तक के समस्त राजकीय स्कूलों में शारीरिक आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी के कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की गई है। प्रदेश में शैक्षिक पाठ्यक्रम में बदलावों से उठे विवादों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने एक नवीन शिक्षा नीति लाए जाने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकार नीति लागू करने की भी बात कही।
स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने की दृष्टि से दिल्ली सरकार की तर्ज पर अब राज्य के मोहल्ले और गलियों में भी जनता क्लिनिक खोले जाएंगे। गहलोत ने बताया कि इन क्लीनिक में निःशुल्क दवा योजना के तहत दवाइयां उपलब्ध होंगी, साथ ही राज्य में दो सौ उप स्वास्थ्य केन्द्र, पांच ट्रॉमा सेंटर तथा 50 पीएचसी खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज पुनः प्रारंभ होगा। बजट में आगामी पांच वर्षों के लिए सड़क तंत्र पर 35 हजार करोड़ के खर्च का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष छह हजार 37 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा सरकार ने आगामी सात वर्षों में परंपरागत स्रोतों से 6000 मेगा वाट का अतिरिक्त विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने नवीन सौर ऊर्जा नीति और नई पवन ऊर्जा नीति लाए जाने की भी घोषणा की साथ ही बताया कि इस वर्ष एक लाख नवीन कृषि कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।