कोलकाता : एक बार फिर से कोलकाता में मृतक के शव के साथ परिजनों के रहने का मामला प्रकाश में आया है। ताजा घटना सरसुना थाना इलाके की है। मृत महिला की पहचान छाया चटर्जी (82) के तौर पर हुई है। वह रखाल मुखर्जी रोड स्थित घर में अपने वृद्ध पति और बेटी के साथ रहती थी। पुलिस ने बताया कि रविवार दोपहर के समय स्थानीय लोगों ने सरसुना थाने में फोन कर भयंकर दुर्गंध आने की सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो अंदर से बंद दरवाजे को खुलवाया। वहां कमरे के अंदर छाया मृत पड़ी हुई थी। उसके पति का नाम आरएन चटर्जी है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि करीब दो-तीन दिन पहले ही उसकी मौत हो गई थी, लेकिन उसके पति और बेटी ने अंतिम संस्कार नहीं किया और शव के साथ रह रहे थे। पुलिस के पहुंचने के बाद मृतक के शव को निकालकर अस्पताल ले जाया गया है। इधर उसके पति और बेटी को भी इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। दोनों क्यों छाया के शव के साथ रह रहे थे, इस बारे में पूछताछ की जा रही है।
जिस छाया चटर्जी के शव के साथ आज यह परिवार तीन दिनों तक रहा है उसका एक बेटा भी था जिसका नाम था देवाशीष चटर्जी। 16 फरवरी को उसकी भी मौत हो गई थी, लेकिन 19 तारीख तारीख तक उसका पूरा परिवार यानी कि छाया, उसके पति आरएन चटर्जी और उनकी बेटी शव के साथ घर में पड़े रहे थे। तब भी जब कमरे से दुर्गंध आने लगी थी और स्थानीय लोगों ने पुलिस को फोन किया था। पुलिस ने बताया कि इस परिवार के सारे लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। आसपास के लोगों से किसी तरह से कोई संपर्क नहीं रखते, ना ही बातचीत करते हैं। इन्हें आवश्यक चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
कुछ साल पहले महानगर के रॉबिन्सन स्ट्रीट में भी एक ऐसा ही मामला आया था, जहां छह माह तक अपने घर के बेड पर बहन देवयानी दे और दो पालतू कुत्तों के कंकाल के साथ पार्थ दे नाम का एक इंजीनियर रह रहा था। बाद में उसने भी आग लगाकर अपनी जान दे दी थी। पिछले साल अप्रैल में एक युवक ने पेंशन की लालच में अपनी मृत मां के शव को तीन साल तक फ्रिजर में रखा था और लगातार पेंशन उठाया करता था। इसी तरह से सॉल्टलेक ने भी दो महीने पहले एक बेटे ने अपनी मां के शव को 18 दिनों तक कमरे में रखा था।